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India Daily

भारत-चीन सीमा से सटी नीती घाटी में भीषण आग, मेहरगांव के कई घर जलकर खाक, गांव खाली होने से टली बड़ी अनहोनी

भारत-चीन सीमा से सटी नीती घाटी के मेहरगांव में अज्ञात कारणों से भीषण आग लग गई, जिसमें कई घर जलकर खाक हो गए. शीतकालीन प्रवास के कारण गांव खाली था, जिससे जनहानि टल गई.

Kuldeep Sharma
Edited By: Kuldeep Sharma
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Courtesy: social media

उत्तराखंड की सीमांत नीती घाटी से बुधवार रात एक चिंताजनक खबर सामने आई, जब नीति-मलारी क्षेत्र के मेहरगांव में अचानक भीषण आग भड़क उठी. आग इतनी तेजी से फैली कि कुछ ही समय में कई आवासीय मकान इसकी चपेट में आ गए. 

राहत की बात यह रही कि सर्दियों के चलते गांव के सभी निवासी पहले ही निचले इलाकों में शीतकालीन प्रवास पर जा चुके थे. सूचना मिलते ही प्रशासन, आईटीबीपी और पुलिस हरकत में आ गई.

नीती घाटी में भड़की आग

भारत-चीन सीमा से लगे नीति-मलारी घाटी के मेहरगांव में बुधवार देर रात आग की लपटें उठती देखी गईं. यह गांव मलारी से लगभग चार किलोमीटर दूर स्थित है. दूर से दिखाई दे रही आग ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया. ग्रामीणों ने तुरंत प्रशासन को सूचना दी, जिसके बाद बचाव कार्य शुरू किया गया.

शीतकालीन प्रवास बना राहत की वजह

मेहरगांव के सभी ग्रामीण हर साल सर्दियों में निचले इलाकों की ओर शीतकालीन प्रवास पर चले जाते हैं. इस कारण घटना के समय गांव पूरी तरह खाली था. प्रशासन ने माना कि यदि गांव में लोग मौजूद होते, तो स्थिति बेहद गंभीर हो सकती थी. इस पहलू ने आग की भयावहता के बीच एक बड़ी राहत दी.

आईटीबीपी और प्रशासन मौके पर

आग की सूचना मिलते ही मलारी में मौजूद ग्रामीणों के साथ आईटीबीपी, पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीमें तुरंत घटनास्थल की ओर रवाना हुईं. आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी ने आग लगने की पुष्टि करते हुए बताया कि हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है और सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं.

यहां देखें वीडियो

राहत और बचाव कार्य जारी

जोशीमठ के उप जिलाधिकारी चंद्रशेखर वशिष्ठ ने बताया कि आग की गंभीरता को देखते हुए जोशीमठ से फायर सर्विस की टीम भी मौके के लिए भेजी गई है. दुर्गम और सीमांत क्षेत्र होने के कारण राहत कार्य में चुनौतियां आ रही हैं, फिर भी आग पर काबू पाने के प्रयास लगातार जारी हैं.

नुकसान का आकलन और जांच

प्रशासन के अनुसार आग लगने के कारणों का फिलहाल पता नहीं चल सका है. आग पर पूरी तरह नियंत्रण के बाद नुकसान का विस्तृत आकलन किया जाएगा. प्रारंभिक जानकारी में कई आवासीय मकानों के जलने की पुष्टि हुई है. घटना ने सीमांत क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन की तैयारियों पर भी सवाल खड़े किए हैं.