ईरान के सर्वोच्च नेता अली होसैनी खामेनेई ने बुधवार को इजरायल को अमेरिका का "बंधा हुआ कुत्ता" और "कैंसर का ट्यूमर" करार दिया. उन्होंने अमेरिका को इजरायल के अपराधों में सहयोगी ठहराया. यह बयान इजरायल और ईरान के बीच लगभग दो सप्ताह तक चले संघर्ष के बाद हुए युद्धविराम के कुछ दिन बाद आया है, जिसमें दोनों देशों ने ड्रोन और मिसाइलों का आदान-प्रदान किया था.
युद्ध में ईरान की ताकत
खामेनेई ने कहा, "अमेरिका और उसके 'बंधे हुए कुत्ते' इजरायल के खिलाफ लड़ना प्रशंसनीय है." उन्होंने दावा किया कि ईरान-इजरायल युद्ध में देखी गई तुलना में ईरान अपने विरोधियों को और बड़ा झटका देने में सक्षम है. खामेनेई ने यह भी चेतावनी दी कि किसी भी नए सैन्य हमले का जवाब देने के लिए ईरान पूरी तरह तैयार है.
12 दिन का युद्ध
13 जून को इजरायल द्वारा ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए शुरू किए गए हमले के साथ दोनों देशों के बीच बड़े पैमाने पर ड्रोन और मिसाइल युद्ध शुरू हुआ. इस 12 दिन से अधिक चले संघर्ष में इजरायल के हमलों में ईरान के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों, परमाणु वैज्ञानिकों और सैकड़ों नागरिकों की मौत हुई. ईरानी अधिकारियों के अनुसार, कुल मृत्यु संख्या 1,060 तक पहुंच गई. जवाबी कार्रवाई में ईरान के ड्रोन और मिसाइल हमलों में इजरायल में कम से कम 28 लोग मारे गए.
परमाणु वार्ता पर असर
ईरान ने सोमवार को कहा कि उसकी अमेरिका के साथ परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत के लिए कोई निश्चित तारीख नहीं है. ओमान की मध्यस्थता वाली यह वार्ता 13 जून को इजरायल के आश्चर्यजनक हमलों के बाद रुक गई थी. अमेरिका ने भी 22 जून को ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले किए, जिसमें फोर्डो, इस्फहान और नतांज की यूरेनियम संवर्धन सुविधाओं को निशाना बनाया गया. डोनाल्ड ट्रम्प ने इन हमलों को "पूरी तरह विनाशकारी" बताया.