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India Daily

'कोर्ट ने रोकी टैरिफ पॉलिसी से...' डोनाल्ड ट्रंप को याद आया 1929 का बुरा वक्त; जानें किस बात का सता रहा डर

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि उनकी टैरिफ नीति से शेयर बाजार में रिकॉर्ड बढ़त और अरबों डॉलर की आमद हुई है. लेकिन उन्होंने चेताया कि अगर अदालतों ने टैरिफ नीति को रोका, तो अमेरिका को 1929 जैसी महामंदी का सामना करना पड़ सकता है.

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Edited By: Princy Sharma
Donald Trump Tarrif Tension
Courtesy: Pinterest

Donald Trump Tarrif Tension: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी टैरिफ नीति को लेकर बड़ा दावा किया है. उनका कहना है कि उनकी टैरिफ पॉलिसी ने शेयर बाजार में रिकॉर्डतोड़ बढ़त दी है और अमेरिका के खजाने में सैकड़ों अरब डॉलर जमा कराए हैं. लेकिन इसी के साथ उन्होंने चेतावनी भी दी कि अगर कोर्ट ने उनकी नीतियों पर रोक लगाई, तो अमेरिका को 1929 जैसी महामंदी (Great Depression) का सामना करना पड़ सकता है.

ट्रंप ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि टैरिफ पॉलिसी का देश की अर्थव्यवस्था पर जबरदस्त सकारात्मक असर हुआ है. लेकिन उन्हें डर है कि अगर कोई कट्टरपंथी वामपंथी अदालत उनकी नीतियों को अवैध करार देती है, तो अमेरिकी अर्थव्यवस्था बर्बादी की ओर जा सकती है. उन्होंने चेताया कि ऐसा हुआ तो अमेरिका की ताकत, संपत्ति और प्रतिष्ठा खत्म हो जाएगी.

भारत पर भी टैरिफ की मार

ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी है. उनका कहना है कि भारत द्वारा रूस से तेल खरीद जारी रखने के कारण कुछ उत्पादों पर 25% अतिरिक्त शुल्क जोड़ा जाएगा. इससे भारत से अमेरिका को होने वाला 55% तक का निर्यात प्रभावित हो सकता है.

टैरिफ के असर में लग सकता है वक्त

हालांकि वैश्विक बाजार अभी लचीला बना हुआ है और S&P 500 इंडेक्स अप्रैल से अब तक 25% तक चढ़ा है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इन टैरिफ का नकारात्मक असर धीरे-धीरे दिखेगा. शुरुआती चेतावनियों में बेरोजगारी, महंगाई और प्रॉपर्टी प्राइस में गिरावट की आशंका जताई गई है.

किन पर कितना टैक्स?

कंप्यूटर चिप्स: 100% टैरिफ
दवाइयां: भारी टैक्स
जापान, साउथ कोरिया: 15% टैरिफ
ताइवान, वियतनाम, बांग्लादेश: 20% टैरिफ
60+ देश और यूरोपीय यूनियन के प्रोडक्ट्स पर भी नई दरें लागू

क्या है 1929 की महामंदी?

1929 में अमेरिका में आई ग्रेट डिप्रेशन अब तक की सबसे बड़ी वैश्विक आर्थिक मंदी थी. यह ब्लैक ट्यूसडे से शुरू हुई, जब शेयर बाजार बुरी तरह क्रैश हो गया और बेरोजगारी, उत्पादन में गिरावट और बैंकिंग संकट गहरा गया. ट्रंप का कहना है कि अगर कोर्ट ने उनकी टैरिफ पॉलिसी रोकी, तो देश फिर से वैसी ही स्थिति में फंस सकता है.