Pakistan Army chiefs dinner meeting with Trump: पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की हालिया अमेरिकी यात्रा और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ उनकी व्हाइट हाउस में मुलाकात ने कई सवाल खड़े किए हैं. रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने इस मुलाकात को "आश्चर्यजनक" और "शर्मनाक" करार देते हुए पाकिस्तान की सत्ता संरचना पर तीखी टिप्पणी की है.
समाचार एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में सिंह ने कहा, "इस पर मेरी कोई अच्छी राय नहीं है, लेकिन यह आश्चर्यजनक है. किसी भी देश के लिए यह शर्म की बात होगी कि उसके सैन्य प्रमुख को आमंत्रित किया गया और प्रधानमंत्री कहीं नजर नहीं आये. यह बहुत ही अजीब बात है.'' इस मुलाकात ने एक बार फिर पाकिस्तान में सत्ता के असंतुलन को उजागर किया है, जहां सेना का प्रभाव साफ़ तौर से नागरिक सरकार से ऊपर नजर आता है. सिंह ने इस स्थिति को "संरचनात्मक रूप से असंतुलित" बताया, जो पाकिस्तान की आर्थिक और सामाजिक प्राथमिकताओं को प्रभावित कर रही है.
सेना का आर्थिक निर्णयों में दखल
सिंह ने पाकिस्तान की विशेष निवेश सुविधा परिषद में जनरल मुनीर की मौजूदगी पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा, "मुझे हमेशा यह बहुत अजीब लगता था कि यह सज्जन पाकिस्तान में निवेश सुविधा परिषद नामक संस्था में बैठते हैं, जो मूल रूप से आर्थिक निर्णय लेती है." उन्होंने आगे कहा, "यह एक अजीब, संरचनात्मक रूप से असंतुलित स्थिति है, जहां संसाधनों पर पहला अधिकार मूलतः सेना का है." पाकिस्तान की 370 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के बावजूद, सेना का प्रभुत्व संसाधनों के वितरण में बाधा डाल रहा है, जिसके कारण सामाजिक और आर्थिक जरूरतों को पूरा करने में कठिनाई हो रही है। सिंह ने पड़ोसी देश के साथ रणनीतिक दृष्टिकोण से निपटने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, "वे हमारे पड़ोसी हैं, और हमें उनसे इस तरह से निपटना होगा कि हम कुछ हद तक प्रतिरोध स्थापित कर सकें."
ट्रंप-मुनीर मुलाकात: क्या थी चर्चा?
पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने इस सप्ताह व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात की. इस दौरान ट्रंप ने मुनीर से मिलकर "सम्मानित" महसूस करने की बात कही. उन्होंने भारत के साथ युद्ध से बचने के लिए दोनों देशों की "चतुराई" की सराहना की और कहा, "वे (पाकिस्तान) ईरान को बहुत अच्छी तरह से जानते हैं, बाकी लोगों से बेहतर, और वे किसी भी चीज़ से खुश नहीं हैं." पाकिस्तानी सेना के अनुसार, ट्रंप ने दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी और पारस्परिक लाभकारी व्यापारिक संबंधों में "गहरी रुचि" दिखाई. हालांकि, इस मुलाकात में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अनुपस्थिति ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की छवि को और कमजोर किया है.
भारत की रणनीतिक स्थिति
सिंह ने इस मुलाकात को भारत के लिए एक अवसर के रूप में देखा, जहां क्षेत्रीय स्थिरता और रणनीतिक संतुलन को बनाए रखने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि भारत को अपने पड़ोसी के साथ सावधानीपूर्वक निपटना होगा ताकि क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित की जा सके.