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India Daily

Operation Sindoor: नाना पाटेकर ने अपनी दरियादिली से जीता सबका दिल, जम्मू कश्मीर के राजौरी में पाकिस्तानी हमलों के पीड़ितों से मिले एक्टर

बॉलीवुड के वेटरन एक्टर नाना पाटेकर ने एक बार फिर अपनी दरियादिली से सबका दिल जीत लिया है. 22 सितंबर को जम्मू-कश्मीर के राजौरी गैरीसन में उन्होंने पाकिस्तानी गोलीबारी से प्रभावित परिवारों से मुलाकात की. ये इवेंट भारतीय सेना के साथ मिलकर आयोजित किया गया था, जहां कुल 117 परिवारों को 42 लाख रुपये की सहायता राशि वितरित की गई.

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Edited By: Antima Pal
Operation Sindoor
Courtesy: socail media

Operation Sindoor: बॉलीवुड के वेटरन एक्टर नाना पाटेकर ने एक बार फिर अपनी दरियादिली से सबका दिल जीत लिया है. 22 सितंबर को जम्मू-कश्मीर के राजौरी गैरीसन में उन्होंने पाकिस्तानी गोलीबारी से प्रभावित परिवारों से मुलाकात की. ये इवेंट भारतीय सेना के साथ मिलकर आयोजित किया गया था, जहां कुल 117 परिवारों को 42 लाख रुपये की सहायता राशि वितरित की गई. नाना की एनजीओ निरमला गजानन फाउंडेशन ने इस नेक काम में अहम भूमिका निभाई, जो राजौरी और पूंछ जिलों के उन परिवारों की मदद के लिए थी, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुई सीमा पार गोलीबारी में अपनों को खोया या घरों को नुकसान पहुंचा.

ऑपरेशन सिंदूर मई 2025 में भारतीय सेना का एक बड़ा अभियान था, जिसमें पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए गए थे. इसके जवाब में पाकिस्तान ने राजौरी-पूंछ सीमा पर भारी गोलीबारी की, जिससे कई परिवार बर्बाद हो गए. नाना पाटेकर ने इन परिवारों को रिहैबिलिटेशन पैकेज देकर न सिर्फ आर्थिक मदद की, बल्कि भावनात्मक सहारा भी दिया. एक 11 साल की बच्ची, जिसके पिता शहीद हो गए, की पढ़ाई का खर्च नाना ने खुद उठाने का वादा किया. मुलाकात के दौरान नाना की आंखें नम हो गईं और उन्होंने कहा, 'ये कोई एहसान नहीं है. ये हमारी जिम्मेदारी है. जब देश में ऐसी घटनाएं होती हैं, तो हमें अपने भाई-बहनों की मदद करनी चाहिए. सबको ऐसा ही करना चाहिए.'

नाना पाटेकर ने अपनी दरियादिली से जीता सबका दिल

मीडिया से बातचीत में नाना ने जोर देकर कहा कि सरकार ने बहुत कुछ किया है, लेकिन हमें खुद आगे आना होगा. 'अगर हम नहीं करेंगे, तो कौन करेगा? ये छोटी-सी मदद है, लेकिन इससे हमें संतुष्टि मिलती है.' फाउंडेशन के ट्रस्टीज के साथ सुबह 10 बजे राजौरी पहुंचे नाना को सेना के जीओसी मेजर जनरल कौशिक मुखर्जी और डिप्टी कमिश्नर अभिषेक शर्मा ने साथ दिया. ये उनकी एनजीओ की सेना के साथ पुरानी साझेदारी का हिस्सा है, जो जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में 45 आर्मी गुडविल स्कूलों को गोद लेकर चलाती है.

जम्मू कश्मीर के राजौरी में पाकिस्तानी हमलों के पीड़ितों से मिले एक्टर

नाना पाटेकर, जो अपनी दमदार एक्टिंग के साथ-साथ सामाजिक कामों के लिए जाने जाते हैं, ने 1999 के कारगिल युद्ध में भी सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होकर मदद की थी. इस बार भी उन्होंने सीमावर्ती इलाकों के खराब रास्तों का मुद्दा उठाया और दिल्ली में अधिकारियों से बात करने का भरोसा दिया. फैंस इस नेक कदम की तारीफ कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि नाना जैसे सितारे ही असली हीरो हैं.