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H1B वीजा फीस से मिलेगी भारतीयों को राहत? जयशंकर से मुलाकात के बाद मार्को रुबियो ने बताया कैसा है अमेरिका-भारत का रिश्ता

Marco Rubio Jaishankar Meeting Statement: अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने एस जयशंकर से द्विपक्षीय चर्चा की है. जिसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए भारत को अमेरिका के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताया है. जिसके बाद यह चर्चा होनी शुरू हो गई है कि क्या इस मुलाकात के बाद दोनों देशों के रिश्तों में सुधार आएगा?

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Edited By: Shanu Sharma
Marco Rubio-S. Jaishankar Meeting
Courtesy: X (@SecRubio)

Marco Rubio Jaishankar Meeting Statement: अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से सोमवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 80वें सत्र के दौरान मुलाकात की. जिसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए इस मुलाकात के बारे में जानकारी दी है. उन्होंने भारत और अमेरिका के संबंध को महत्वपूर्ण बताया है. 

रुबियो ने जयशंकर से मुलाकात के बाद कहा कि भारत, अमेरिका के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण  है. उन्होंने व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, फार्मास्यूटिकल्स, महत्वपूर्ण खनिजों और द्विपक्षीय संबंधों समेत कई मुद्दों पर भारत सरकार की निरंतर भागीदारी की सराहना की. 

भारत-अमेरिका में समृद्धि लाने पर चर्चा

विदेश विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई बैठक की एक रीडआउट में कहा गया कि रुबियो और जयशंकर इस बात पर सहमत हुए कि अमेरिका और भारत एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे. वहीं इस मुलाकात के बाद जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि न्यूयॉर्क में रुबियो से मिलकर 'अच्छा लगा'. उन्होंने भी बताया कि इस मुलाकात के दौरान वर्तमान चिंता और द्विपक्षीय के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय मुद्दे पर भी बात हुई. उन्होंने कहा कि हम आगे भी संपर्क में बने रहेंगे. रूबियो ने इस मुलाकात के बारे में अधिक जानकारी देते हुए बताया कि हमने द्विपक्षीय संबंधों के प्रमुख क्षेत्र जैसे की व्यापार, ऊर्जा, फार्मास्यूटिकल्स, महत्वपूर्ण खनिज से भारत तथा अमेरिका के लिए समृद्धि लाने के मुद्दे पर चर्चा की. 

टैरिफ और वीजा फीस ने बढ़ाया टेंशन 

जयशंकर और रूबियो के बीच लगभग एक घंटे तक चर्चा हुई. यह बैठक पिछले कुछ महीनों से चल रहे व्यापार तनाव के बीच हुई है. ट्रंप प्रशासन ने रूसी तेल की खरीदने के कारण नई दिल्ली पर दंड स्वरूप 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाया है. जिससे अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए कुल शुल्क 50 प्रतिशत हो गए, जो दुनिया में सबसे अधिक हैं. इसके अलावा डोनाल्ड ट्रंप का एच1बी वीजा पर एक लाख अमेरिकी डॉलर का भारी-भरकम फीस लगाने की घोषणा पर हस्ताक्षर किया है. जिसके बाद अमेरिका पर निर्भर भारतीय टेक जगत के दिग्गजों के लिए नई मुसीबत आ खड़ी हुई है. जयशंकर के अलावा केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में भी एक प्रतिनिधिमंडल अमेरिकी पक्ष के साथ बातचीत के लिए न्यूयॉर्क में है. उम्मीद की जा रही है कि इन बैठकों से भारत और अमेरिका के बीच चल रहे तनाव थोड़े काबू होंगे.