PM Modi Cyprus visit: भारत अपनी वैश्विक कूटनीति को और मजबूत करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है. इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कनाडा रवाना होने से पहले साइप्रस और स्वदेश लौटते समय क्रोएशिया का दौरा करेंगे. यह यात्रा भारत के यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ संबंधों को गहरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि साइप्रस और क्रोएशिया दोनों ही ईयू के महत्वपूर्ण सदस्य हैं. विशेष रूप से, साइप्रस अगले साल की पहली छमाही में यूरोपीय संघ परिषद की अध्यक्षता करेगा.
जी-7 शिखर सम्मेलन 15 से 17 जून तक कनाडा के अल्बर्टा, कनानास्किस में आयोजित होगा. प्रधानमंत्री मोदी इस सम्मेलन के अंतिम दिन आउटरीच सत्र में हिस्सा लेंगे. कनाडा द्वारा अंतिम समय में दिए गए निमंत्रण के कारण उनका कार्यक्रम अभी पूरी तरह अंतिम रूप नहीं ले सका है. हालांकि, सरकारी सूत्रों का कहना है कि द्विपक्षीय बैठकों को निर्धारित करने के लिए व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं.
साइप्रस यात्रा: ऐतिहासिक और सामरिक महत्व
प्रधानमंत्री मोदी की साइप्रस यात्रा कई मायनों में ऐतिहासिक है. यह 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी और 1983 में इंदिरा गांधी के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की साइप्रस की तीसरी यात्रा होगी. इस यात्रा पर वैश्विक नजरें टिकी हैं, खासकर भारत और तुर्की के बीच हाल के तनावों के कारण. तुर्की द्वारा उत्तरी साइप्रस को मान्यता देना और पूर्वी भूमध्य सागर में गैस अन्वेषण अधिकारों पर मतभेद साइप्रस और तुर्की के बीच तनाव का प्रमुख कारण रहे हैं. भारत ने हमेशा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर साइप्रस मुद्दे के समाधान का समर्थन किया है. विदेश मंत्रालय के अनुसार, साइप्रस ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर भारत का समर्थन किया है, जैसे कि यूएनएससी में भारत का चुनाव, भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौता और एनएसजी सदस्यता.
क्रोएशिया: नए रिश्तों की शुरुआत
प्रधानमंत्री मोदी की क्रोएशिया यात्रा किसी भारतीय प्रधानमंत्री की इस दक्षिण-पूर्वी यूरोपीय देश की पहली यात्रा होगी. भारत और क्रोएशिया के बीच संबंधों को मजबूत करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है. 2021 में विदेश मंत्री एस जयशंकर क्रोएशिया का दौरा करने वाले पहले भारतीय विदेश मंत्री बने थे. इसके बाद, 2023 में दोनों देशों ने रक्षा सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.
भारत की कूटनीतिक रणनीति
भारत ने साइप्रस और ग्रीस के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया है. 2023 में प्रधानमंत्री मोदी 40 साल बाद ग्रीस का दौरा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने. दोनों देशों ने आतंकवाद और कश्मीर जैसे मुद्दों पर भारत का समर्थन किया है. भारत की यह रणनीति न केवल यूरोप में उसकी उपस्थिति को बढ़ाएगी, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर उसकी स्थिति को और मजबूत करेगी.