हाल के महीनों में बांग्लादेश और पाकिस्तान ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में कई अहम कदम उठाए हैं. रक्षा सहयोग के क्षेत्र में महत्वपूर्ण समझौतों के बाद अब दोनों देश संवेदनशील तकनीकी क्षेत्रों जैसे मोबाइल फोन निगरानी, इंटरसेप्शन, सोशल मीडिया मॉनिटरिंग और साइबर युद्ध में सहयोग की संभावनाएं तलाश रहे हैं. इस दिशा में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम तब सामने आया, जब पाकिस्तान के नेशनल रेडियो और दूरसंचार निगम (एनआरटीसी) के प्रबंध निदेशक ब्रिगेडियर जनरल अजमत शब्बीर ने 25 मई 2025 को ढाका की गुप्त पांच दिवसीय यात्रा की. इस यात्रा ने दोनों देशों के बीच वेब इंटेलीजेंस और साइबर सुरक्षा में सहयोग की नई संभावनाओं को उजागर किया है.
ब्रिगेडियर जनरल अजमत शब्बीर ने अपनी ढाका यात्रा के दौरान बांग्लादेश दूरसंचार नियामक आयोग (बीटीआरसी) और राष्ट्रीय दूरसंचार निगरानी केंद्र (एनटीएमसी) के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कई दौर की गहन चर्चाएं कीं. इन बैठकों में मोबाइल फोन इंटरसेप्शन, सोशल मीडिया निगरानी, और साइबर युद्ध से संबंधित तकनीकी प्रशिक्षण और विशेषज्ञता साझा करने पर विशेष जोर दिया गया. शब्बीर ने बांग्लादेशी अधिकारियों को प्रस्ताव दिया कि पाकिस्तान उनकी खुफिया और तकनीकी एजेंसियों को उन्नत प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता प्रदान कर सकता है.
इस चर्चा का एक महत्वपूर्ण परिणाम यह रहा कि दोनों पक्षों ने सहमति जताई कि बीटीआरसी और एनटीएमसी के अधिकारियों की एक संयुक्त टीम जल्द ही पाकिस्तान का दौरा करेगी. यह टीम खैबर पख्तूनख्वा के हरिपुर में स्थित एनआरटीसी के मुख्यालय का दौरा करेगी, जहां पाकिस्तान सैन्य रेडियो, फ्रीक्वेंसी जैमिंग, सीमा सुरक्षा, निगरानी प्रणाली, एंटी-ड्रोन सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में अपनी तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन करेगा.
गुपचुप यात्रा
पाकिस्तानी अधिकारियों ने इस यात्रा को बेहद गोपनीय रखा. ब्रिगेडियर शब्बीर और उनके दो सहयोगी सीधे पाकिस्तान से ढाका नहीं पहुंचे. उन्होंने पहले अमीरात की उड़ान से दुबई का रास्ता लिया और फिर वहां से ढाका पहुंचे. वापसी के लिए उन्होंने 30 मई को एयर अरबिया की फ्लाइट का उपयोग किया. इस गुप्त यात्रा ने क्षेत्रीय सुरक्षा विशेषज्ञों के बीच चिंता बढ़ा दी है, खासकर भारत में, क्योंकि यह बांग्लादेश-पाकिस्तान के बीच बढ़ते रक्षा और तकनीकी सहयोग का संकेत देता है.
यह पहला मौका है जब बांग्लादेश ने निगरानी और इंटरसेप्शन तकनीकों के लिए पाकिस्तान को एक संभावित साझेदार के रूप में देखा है. इससे पहले, बांग्लादेश की एनटीएमसी ने इजरायली कंपनी पासिटोरा (पूर्व में वाईस्पीयर) से वाहन-माउंटेड निगरानी उपकरण "स्पीयरहेड सिस्टम" खरीदे थे, जिसके बाद यह संस्था विवादों में आ गई थी. अब पाकिस्तान के साथ सहयोग की संभावना से संकेत मिलता है कि बांग्लादेश अपनी तकनीकी निर्भरता को इजरायल से हटाकर अन्य देशों की ओर ले जा रहा है.
क्षेत्रीय प्रभाव और भारत की चिंताएं
बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच बढ़ता यह सहयोग भारत के लिए चिंता का विषय बन सकता है. हाल ही में बांग्लादेश ने भारत के साथ 180 करोड़ रुपये की एक रक्षा डील रद्द कर दी थी जिसमें कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) को बांग्लादेशी नौसेना के लिए एक उन्नत टगबोट बनाने का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था.