नई दिल्ली: चीन के प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय ने हाल ही में एक बड़ी और बेहद महत्वपूर्ण खोज की घोषणा की है. मंत्रालय के अनुसार, पूर्वोत्तर चीन के लियाओनिंग प्रांत में एक विशाल और निम्न-श्रेणी वाला स्वर्ण भंडार मिला है.
यह खोज इसलिए भी ऐतिहासिक कही जा रही है क्योंकि चीन के इतिहास में पहली बार इतना बड़ा स्वर्ण भंडार एक ही जगह पर पाया गया है. इस भंडार का नाम 'दादोंगगौ स्वर्ण भंडार' बताया गया है.
सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, इस क्षेत्र में लगभग 2.586 बिलियन टन यानी 2 अरब 58 करोड़ 60 लाख टन अयस्क मौजूद है. इन अयस्कों से मिलने वाले स्वर्ण की कुल मात्रा लगभग 1,444.49 टन आंकी गई है. यदि तुलना की जाए तो यह मात्रा किसी भी देश के लिए आर्थिक और रणनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण होती है. इस सोने का औसत ग्रेड लगभग 0.56 ग्राम प्रति टन है, जो कि निम्न-श्रेणी के खदानों की श्रेणी में आता है, लेकिन इसकी मात्रा इतनी अधिक है कि यह भंडार अपने आप में बेहद मूल्यवान बन जाता है.
मंत्रालय का कहना है कि यह खोज चीन के लिए कई मायनों में फायदेमंद साबित होगी. सबसे पहले तो यह देश के रणनीतिक स्वर्ण भंडार को काफी बढ़ा देगी. स्वर्ण भंडार आर्थिक स्थिरता और वैश्विक बाजार में मजबूत स्थिति के लिए बेहद जरूरी माने जाते हैं. इसके अलावा, इस खोज से चीन में एक विश्व स्तरीय स्वर्ण उत्पादन केंद्र विकसित किया जा सकता है. इसका मतलब है कि आने वाले वर्षों में यह क्षेत्र सोने के उत्पादन के लिए वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख केंद्र बन सकता है.
यह खोज केवल अर्थव्यवस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका क्षेत्रीय विकास पर भी बड़ा प्रभाव पड़ेगा. पूर्वोत्तर चीन लंबे समय से औद्योगिक मंदी का सामना कर रहा था. ऐसे में सोने का इतना बड़ा भंडार मिलने से इस इलाके में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, निवेश बढ़ेगा और स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा. इससे न सिर्फ आर्थिक मजबूती मिलेगी, बल्कि क्षेत्र का संपूर्ण पुनरोद्धार और उच्च गुणवत्ता वाला विकास भी संभव हो पाएगा.
सरकार का मानना है कि यह खोज चीन के खनिज संसाधनों की क्षमता को एक नई दिशा देगी और देश की दीर्घकालिक आर्थिक रणनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.