Pakistan Internet Shutdown: इस्लामाबाद और रावलपिंडी में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों की आशंका के चलते पाकिस्तान सरकार ने शुक्रवार से मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी हैं और राजधानी के प्रवेश और निकास मार्ग सील कर दिए हैं. कट्टरपंथी इस्लामी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) ने ‘लब्बैक या अक्सा मिलियन मार्च’ का ऐलान किया है, जो अमेरिकी दूतावास के बाहर आयोजित किया जाना है.
गुरुवार को लाहौर में पुलिस और TLP कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़पों में दर्जनों लोग घायल हुए. तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान द्वारा शुक्रवार को इस्लामाबाद में अमेरिकी दूतावास के बाहर इजराइल विरोधी प्रदर्शन करने की घोषणा के बाद, पंजाब पुलिस ने इसके प्रमुख साद हुसैन रिजवी को गिरफ्तार करने के लिए यहां टीएलपी मुख्यालय पर छापा मारा. जिसके बाद हिंसा भड़क उठी. पुलिस के अनुसार कम से कम पांच सुरक्षाकर्मी और 12 से अधिक TLP समर्थक घायल हुए, जबकि संगठन का दावा है कि उनके एक कार्यकर्ता की मौत हुई और 20 से ज्यादा घायल हुए.
गृह मंत्रालय के निर्देश पर पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशन अथॉरिटी (PTA) ने शुक्रवार आधी रात से अनिश्चितकाल के लिए इस्लामाबाद और रावलपिंडी में इंटरनेट व मोबाइल सेवाएं बंद कर दीं. आंतरिक मंत्री मोहसिन नकवी ने सुरक्षा चिंताओं के चलते इस कदम को मंजूरी दी. पंजाब सरकार ने पूरे प्रांत में तत्काल प्रभाव से धारा 144 लागू कर दी है, जिसके तहत अगले 10 दिनों तक किसी भी प्रकार की रैली, धरना या सार्वजनिक सभा प्रतिबंधित रहेगी.
यह आदेश धार्मिक समारोह, अंतिम संस्कार, विवाह, अदालत और कार्यालयों पर लागू नहीं होगा. साथ ही पूरे प्रांत में हथियारों के प्रदर्शन और लाउडस्पीकर के उपयोग पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. इस्लामाबाद के रेड जोन को पूरी तरह सील कर दिया गया है और केवल अधिकृत लोगों को ही मार्गला रोड से प्रवेश की अनुमति दी जा रही है. सुरक्षा बलों को उच्च सतर्कता पर रखा गया है और रावलपिंडी में पहले से लागू धारा 144 को 11 अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया है.
TLP प्रवक्ता ने सरकार पर 'दमनकारी कार्रवाई' का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि गाजा में यहूदी मुसलमानों पर अत्याचार कर रहे हैं और पाकिस्तान में उनके समर्थक मुसलमानों को दबा रहे हैं. फिलस्तीन के साथ एकजुटता दिखाना अब पाकिस्तान में अपराध बना दिया गया है.' उन्होंने चेतावनी दी कि यदि गिरफ्तारियां और छापे नहीं रोके गए तो सरकार को जनाक्रोश का सामना करना पड़ेगा. सूत्रों के अनुसार पंजाब सरकार हालात बिगड़ने पर अर्धसैनिक बल रेंजर्स को तैनात करने पर भी विचार कर रही है, क्योंकि धार्मिक दलों के समर्थक आमतौर पर रेंजर्स पर हमला नहीं करते.