पाकिस्तान (Pakistan) जिस चीन (China) को अपना सबसे बड़ा दोस्त समझता है, वही चीन अब उसकी मुश्किलें बढ़ा रहा है. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने दावा किया है कि पाकिस्तान में रहने वाले चीनी नागरिक, किसी भी तरह के सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन नहीं करते. जब उन्हें प्रोटोकॉल अपनाने के लिए कहा जाता है तो वे नाराज हो जाते हैं.
मरियम नवाज ने कहा, 'चीनी नागरिक सिक्योरिटी प्रोटोकॉल नहीं मानते हैं. वे किसी भी अनुशासन में नहीं आना चाहते हैं क्योंकि वे इससे परेशान हैं.'
मरियम नवाज ने इस मुद्दे पर एक अहम बैठक बुलाई थी, जिसमें कोर कमांडर लाहौर लेफ्टिनेंट जनरल सैयद आमेर रजा समेत कई अधिकारी शामिल हुए थे. पंजाब में चीन कई विकास परियोजनाएं चला रहा है. ऐसे में चीनी नागरिकों की ओर से बरती जा रही लापरवाही, प्रोजेक्ट को ही रोक दे रही है.
अब किस नए पचड़े में फंसा है पाकिस्तान?
मरियम नवाज ने कहा कि अब आतंकवाद ने जंग की शक्ल ले ली है. आतंकी डिजिटल हो गए हैं. हमें आगे रहने की जरूरत है. आतंकवादियों के पास नवीनतम हथियार और तकनीक है. उनके पास अमेरिकी हथियार हैं जो उन्हें अफगानिस्तान में मिले थे. अफगानिस्तान से आने वाले हथियार कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती हैं.
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज पार्टी की नेता मरियम नवाज ने कहा, 'युवाओं का भी ब्रेनवॉश किया जा रहा है. नए आतंकवादियों की भर्ती की जा रही है. सोशल मीडिया के जरिए लोगों का आगाह किया जा रहा है.' पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ऐसे हाल में सभी सुरक्षा एजेंसियों से कहा है कि वे चीनी नागरिकों की सुरक्षा का ख्याल रखें और हर प्रोजेक्ट पर कड़ी नजर रखें.
हमले के बाद चीन रोक देता है काम
पाकिस्तान में चीनी नागरिकों की मनमानी का नतीजा यह है कि चीन ने 2-2 प्रोजेक्ट रोक दिए हैं. बीते सप्ताह इस्लामाबाद और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के दासू में एक जलविद्युत परियोजना हमले के बाद से ही बंद पड़ी है. आत्मघाती हमले में 5 चीनी इंजीनियर और पाकिस्तान ड्राइवर ने जान गंवा दी थी. बिशम सिटी में हुए इस हादसे की वजह से प्रोजेक्ट थम गया है. चीन एक तरफ कर्ज के दलदल में बुरी तरह फंसा है, दूसरी तरफ चीनी अधिकारी मनमानी कर रहे हैं. अफगानिस्तान के तालिबान समर्थित आतंकी और बलूचिस्तानी मूवमेंट चलाने वाले आतंकी पाकिस्तान की और मुश्किलें बढ़ा रहे हैं.