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Earthquake: अफगानिस्तान में फिर भूकंप के झटके, क्यों बार-बार हिल रही एशिया की जमीन?

Earthquake hits Andaman Afghanistan: अफगानिस्तान में एक बार फिर 4.1 तीव्रता का भूकंप आया है. एशिया में हाल के दिनों में बार-बार भूकंप आया है. आखिर क्या है इसकी वजह, आइए समझते हैं.

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India Daily Live
Courtesy: Pic Credit: Social Media

पूर्वी एशिया के ताइवान में आए विनाशकारी भूकंप के सदमे से दुनिया बाहर नहीं निकल पाई कि अफगानिस्तान में आए भूकंप ने लोगों को डरा के रख दिया. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता भले ही 4.1 रही हो लेकिन लोगों को अब डर लग रहा है. यही सवाल उठ रहा है कि आखिर एशिया में बार-बार भूकंप के झटके क्यों लग रहे हैं. 

ताइवान तो संभवत: इतिहास की सबसे बड़ी प्राकृतिक तबाही से गुजरा है. 25 साल में ऐसा विनाशकारी भूकंप, वहां की धरती पर कभी नहीं आया. बीते बुधवार को ताइवान में विनाशकारी भूकंप आया जिसमें कई लोगों की मौत हुई, लोग बेघर हो गए और कुछ जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं. 

भूकंप सिर्फ अफगानिस्तान ही नहीं, अंडमान में भी आया था. शनिवार देर रात अंडमान सागर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. नेशल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) ने तो कहा कि भूकंप की तीव्रता 4.3 रही. तीव्रता भले ही कम रही लेकिन बार-बार आ रहे भूकंप दुनिया की चिंता बढ़ा रहे हैं. ऐसा क्यों हो रहा है, आइए समझते हैं.

क्यों बार-बार एशिया में आ रहे हैं भूकंप?

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने साल 2018 में ही एशिया के बारे में कहा था कि यह क्षेत्र, सबसे ज्यादा प्राकृतिक तबाहियों का सामना करेगा.  साल 2014 से 2017 के बीच ही इस क्षेत्र में करीब 55 बार तेज भूकंप आए. अब यह आंकड़ा बहुत आगे बढ़ चुका है. 

अर्थ ऑब्जर्वेट्री ऑफ सिंगापुर की एक स्टडी के मुताबिक एशिया की भूगर्भ प्लेटें अपेक्षाकृत अधिक अस्थाई हैं, जिनके खिसकने की घटनाएं बार-बार सामने आती हैं. दक्षिण एशिया में, इंडो-ऑस्ट्रेलियन और यूरेशियन प्लेट्स भूकंप के लिहाज से सबसे ज्यादा संवेदनशील इलाके हैं. ये वही इलाके हैं जहां सुनामी का खतरा भी सबसे ज्यादा है. 

एशिया में डराते हैं भूकंप के ये आकंड़े

ज्यादातर एशियाई क्षेत्र भूकंप को लेकर बेहद संवेदनशील हैं. अलग-अलग स्टडी में यह खुलासा हुआ है. साल 2001 में गुजरात के कच्छ में विनाशकारी भूकंप आया था. साल 2004 में एसेनीज़ और थाई तटों पर विनाशकारी भूकंप आ चुका है. साल 2005 में कश्मीर और न्यू ऑरलियन्स में ऐसे भूकंप आ चुके हैं. 

साल 2023 में ही अफगानिस्तान में विनाशकारी भूकंप आ चुका है. साल 2011 में जापान और साल 2015 में नेपाल के विनाशकारी भूकंप को कौन भूला है. लगातार आ रहे भूकंप इशारा कर रहे हैं कि यहां की भूगर्भ प्लेटें, बेहद संवेदनशील हैं. यहां बड़े निर्माण भूकंप प्रतिरोधक प्रणाली से नहीं कराए जाएंगे तो इमारतें लोगों की कब्रगाह भी बनेंगी. 

भूकंप के प्रति इन्हीं इलाकों में ज्यादा जागरूकता की जरूरत है लेकिन जमीन पर भूकंप को लेकर कोई संस्था जागरूकता फैलाती नजर नहीं आती है. अगर दिल्ली-एनसीआर और मुंबई जैसे सघन शहरों में तेज भूकंप आए तो ये इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे. इनसे बचने के लिए अब से नए निर्माणों को और मजबूत करने की जरूरत है. भूकंप प्रणालियों को बेहतर करने की जरूरत है.

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