भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच बलूचिस्तान मुद्दा एक बार फिर चर्चा में है. प्रसिद्ध बलूच लेखक मीर यार बलूच ने पाकिस्तान से बलूचिस्तान की स्वतंत्रता का ऐलान कर दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर पोस्ट करते हुए संयुक्त राष्ट्र और भारत सरकार से कई महत्वपूर्ण मांगें की हैं.
मीर यार बलूच ने भारत सरकार से अनुरोध किया है कि वह नई दिल्ली में बलूचिस्तान का आधिकारिक दूतावास खोलने की अनुमति दे. उनका कहना है कि बलूचिस्तान अब पाकिस्तान का हिस्सा नहीं रहा और इसकी स्वतंत्रता घोषित की जा चुकी है.
संयुक्त राष्ट्र से शांति सेना भेजने की मांग
बलूच लेखक ने संयुक्त राष्ट्र से आग्रह किया कि वह बलूचिस्तान में शांति सेना भेजे और पाकिस्तानी सेना को वहां से बाहर निकाले. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सेना, फ्रंटियर कॉर्प्स, पुलिस, खुफिया एजेंसियों और प्रशासन में शामिल सभी गैर-बलूच कर्मियों को तुरंत बलूचिस्तान छोड़ना चाहिए.
स्वतंत्र बलूच सरकार का होगा गठन
मीर यार बलूच ने यह भी बताया कि स्वतंत्र बलूचिस्तान की अंतरिम सरकार का गठन जल्द किया जाएगा, जिसमें महिलाओं को भी कैबिनेट में प्रतिनिधित्व मिलेगा. उन्होंने यह भी कहा कि एक भव्य स्वतंत्रता समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसमें मित्र देशों के राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया जाएगा.
Hey Na-Pakistan
— Mir Yar Baloch (@miryar_baloch) May 8, 2025
If you have an army , we Baloch have our army too.
Baloch freedom fighters attack.#OperationSindoor #BalochistanIsNotPakistan @hyrbyair_marri@spvaid pic.twitter.com/buIR5cDLNM
गैस फील्ड पर बलूच लड़ाकों का हमला
बलूचिस्तान के डेरा बुगती क्षेत्र में स्थित गैस फील्ड पर बलूच स्वतंत्रता सेनानियों ने हमला कर दिया. यह इलाका पाकिस्तान के लिए ऊर्जा का एक प्रमुख स्रोत माना जाता है, जहां 100 से अधिक गैस कुएं स्थित हैं.
“हमारी भी सेना है” – मीर यार बलूच का पाकिस्तान को संदेश
अपने एक पोस्ट में मीर यार बलूच ने लिखा, "ऐ नापाकिस्तान, अगर तेरे पास सेना है तो हमारे पास भी बलूच फौज है." उन्होंने बलूच लड़ाकों द्वारा किए गए हमलों की जानकारी भी साझा की.
अंतरराष्ट्रीय समर्थन की मांग
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से अपील की कि बलूचिस्तान की स्वतंत्रता को मान्यता दी जाए और एक विशेष बैठक बुलाकर लोकतांत्रिक गणराज्य बलूचिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाई जाए. इसके साथ ही उन्होंने मुद्रा और पासपोर्ट छपाई के लिए अंतरराष्ट्रीय फंड जारी करने की मांग भी की.