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India Daily

'भारत और पाकिस्तान से हम हथियार डालने को नहीं कह सकते, US का कोई लेना-देना नहीं', बोले अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस

भारतीय सेना ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को निशाना बनाया है. इससे दोनों देशों के बीच टकराव और गहराता नजर आ रहा है.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
US Vice President JD Vance We cannot ask India and Pakistan to lay down their arms America has nothi
Courtesy: Social Media

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस का बड़ा बयान सामने आया है. वेंस ने साफ शब्दों में कहा कि यह संघर्ष अमेरिका का मामला नहीं है और अमेरिका इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि अमेरिका केवल कूटनीतिक प्रयासों के ज़रिए दोनों देशों से शांति बनाए रखने की अपील कर सकता है.

अमेरिका नहीं देगा सैन्य दखल

जेडी वेंस ने एक अमेरिकी चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा, "भारत और पाकिस्तान के बीच जो हो रहा है, वह पूरी तरह से उनका आंतरिक मामला है. यह अमेरिका के अधिकार क्षेत्र से बाहर है. हम न तो भारत को हथियार छोड़ने के लिए कह सकते हैं और न ही पाकिस्तान को." उन्होंने यह भी जोड़ा कि अमेरिका युद्ध की इस स्थिति में बीच में नहीं आएगा.

कूटनीति से सुलझाने की उम्मीद

वेंस ने बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और वे खुद दोनों पक्षों से केवल यही अपील कर सकते हैं कि वे तनाव को कम करें. "हम उम्मीद करते हैं कि यह टकराव किसी बड़े क्षेत्रीय युद्ध या परमाणु संघर्ष में नहीं बदलेगा. फिलहाल स्थिति को लेकर हमारी यही आशा है," उन्होंने कहा.

जारी है दोनों देशों में हमला और जवाबी हमला

गौरतलब है कि हाल के दिनों में भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव काफी बढ़ गया है. भारत का आरोप है कि पाकिस्तान ने कश्मीर और अन्य सैन्य ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन से हमला किया है, वहीं पाकिस्तान ने इन आरोपों से इनकार किया है और दावा किया है कि उन्होंने नियंत्रण रेखा पर 40 से 50 भारतीय सैनिकों को मार गिराया है और दर्जनों भारतीय ड्रोन को ध्वस्त किया है.

भारत का पलटवार भी तीखा

भारतीय सेना ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को निशाना बनाया है. इससे दोनों देशों के बीच टकराव और गहराता नजर आ रहा है.

अमेरिकी उपराष्ट्रपति का यह बयान स्पष्ट करता है कि अमेरिका इस विवाद में हस्तक्षेप नहीं करेगा. वह केवल दोनों देशों से कूटनीतिक बातचीत के ज़रिए समाधान की उम्मीद रखता है. ऐसे में यह देखना होगा कि भारत और पाकिस्तान आगे कैसे कदम उठाते हैं.