Balochistan Attacks 2025: पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में बलूच विद्रोहियों ने देश की सेना और सरकारी प्रतिष्ठानों के खिलाफ संगठित और समन्वित हमले कर एक बार फिर पाकिस्तान सरकार को चुनौती दी है. बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट ने मंगलवार रात को "ऑपरेशन बाम (डॉन)" की शुरुआत करते हुए 17 अलग-अलग ठिकानों पर एक साथ हमले किए हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीएलएफ ने दावा किया है कि उसने यह हमला मकरान तटीय इलाकों से लेकर कोह-ए-सुलेमान पर्वत श्रृंखला तक के विस्तृत क्षेत्र में किया. इन हमलों में सैन्य चौकियों, संचार लाइनों और सरकारी कार्यालयों को विशेष रूप से निशाना बनाया गया है. बीएलएफ के प्रवक्ता मेजर ग्वाराम बलूच ने एक प्रेस बयान में कहा कि यह अभियान बलूच राष्ट्रीय मुक्ति संग्राम की “नई सुबह” है.
उन्होंने कहा, "हमारा प्रतिरोध एक नए चरण में प्रवेश कर गया है. ऑपरेशन बाम यह दर्शाने के लिए शुरू किया गया है कि बलूच लड़ाके बड़ी भौगोलिक सीमा में एक साथ और समन्वित ढंग से अभियान चलाने में पूरी तरह सक्षम हैं." उन्होंने यह भी कहा कि ऑपरेशन के समाप्त होने के बाद और भी जानकारियां सार्वजनिक किए जाएंगे.
इन हमलों में जिन प्रमुख क्षेत्रों को निशाना बनाया गया उनमें पंजगुर, सुरब, केच और खारन जिले शामिल हैं. स्थानीय निवासियों और रिपोर्ट्स के अनुसार कई जगहों पर विस्फोट भी हुए हैं, जिससे इलाके में दहशत का माहौल बन गया है. हालांकि, पाकिस्तानी सेना और सरकार की ओर से अब तक हताहतों की संख्या या नुकसान की स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है.
बीएलएफ का यह हमला हाल के वर्षों में सबसे बड़ा और सबसे अधिक संगठित माना जा रहा है. यह घटना बलूचिस्तान में लंबे समय से चल रही असंतोष की भावना और पाकिस्तानी सरकार के प्रति लोगों के गुस्से को उजागर करती है. बीएलएफ लंबे समय से आरोप लगाता रहा है कि पाकिस्तान बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों का शोषण कर रहा है और स्थानीय लोगों को उनके अधिकारों और स्वायत्तता से वंचित कर रहा है. पाकिस्तान में बलूच अलगाववादी संगठनों की सक्रियता और उनके लगातार हमलों ने आंतरिक सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. ऑपरेशन बाम इस बात का संकेत है कि यह संघर्ष अब और अधिक संगठित व व्यापक रूप ले सकता है.