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India Daily

32 साल आईलैंड पर अकेले रहा शख्स, समाज के बीच लौटा तो हो गई मौत

Viral News: माउरो मोरांदी की कहानी हमें यह सिखाती है कि जीवन में हमेशा बदलाव संभव है, चाहे किसी भी अवस्था में हो. उनका उदाहरण यह भी दिखाता है कि एक व्यक्ति अपने भीतर की शांति और उद्देश्य को पा सकता है, भले ही वह समाज से दूर रहे.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
man who lived alone for 32 years died within 3 years of returning to society
Courtesy: Social Media. तस्वीर प्रतिकात्मक है.

Viral News: इटली का एक शख्स जो एक आईलैंड पर 32 साल तक अकेले रहा. लेकिन फिर जब उसे उस आईलैंड से निकाल दिया गया और समाज के मुख्यधारा में रहने के लिए मजबूर किया गया तो उस शख्स ने 3 साल में ही दम तोड़ दिया. इस शख्स का नाम माउरो मोरांदी हैं. उन्होंने उपभोक्तावाद और समाज की भागदौड़ से बचने के लिए द्वीप पर चला गया और वहां एक शांतिपूर्ण जीवन बिताया. लेकिन जैसे ही उन्हें वहां से निकाल दिया गया तो उनका जीवन तहस नहस हो गया. 

माउरो मोरांदी का जीवन 1989 में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर आ गया था, जब उन्होंने उपभोक्तावाद और समाज की हलचल से बचने के लिए पोलिनेशिया जाने का निर्णय लिया था. इस यात्रा के दौरान, वह एक ऐसे द्वीप पर पहुंचे, जहां का देखभालकर्ता रिटायरमेंट के करीब था. मौके का फायदा उठाते हुए, मोरांदी ने उस द्वीप के देखभालकर्ता का कार्यभार संभाल लिया. यह द्वीप बुडेली था, जो सर्डिनिया के पास स्थित है.

मोरांदी ने द्वीप पर अकेले 32 साल बिताए. उन्होंने द्वीप को साफ रखा और पर्यटकों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए भी काम किया. उनका घर द्वीप पर पुराने युद्धकालीन शरण स्थल में था, जिसे उन्होंने अपनी जिंदगी के साथ मिलाकर बसाया.

इटली सरकार ने उन्हें आईलैंड से निकाल दिया

2021 में, जब इस द्वीप को एक नेचर पार्क घोषित किया गया, तो इटालियन सरकार ने मोरांदी को वहां से हटा दिया. उनके लिए यह अचानक बदलाव था, क्योंकि उन्होंने 32 साल तक अकेले और शांतिपूर्ण जीवन जीने के बाद अब एक नए समाज में कदम रखा. उन्हें एक नए घर के लिए सर्दीनिया के ला मदीलिना शहर में एक छोटा सा अपार्टमेंट प्रदान किया गया.

यहां मोरांदी ने समाज से फिर से जुड़ने की कोशिश की, लेकिन इस नए जीवन के केवल तीन साल बाद ही उनका निधन हो गया. उन्होंने कहा था, "यह कभी खत्म नहीं हुआ. मैं एक जीवित उदाहरण हूं कि एक नई जिदगी शुरू की जा सकती है, चाहे आप 80 साल के हों या उससे अधिक. हमेशा अनुभव करने के लिए कुछ नया होता है."

अकेलापन और नया जीवन

मोरांदी के अनुसार, द्वीप पर उनका जीवन सरल था. उन्हें भोजन और पानी भेजा जाता था, और उन्होंने अपनी बिजली का उत्पादन अस्थायी सौर ऊर्जा प्रणाली से किया था. शीतकाल में उन्होंने एक साधारण चूल्हे से अपने घर को गर्म किया. लेकिन जब द्वीप से हटने का आदेश आया, तो उनके पास कोई घर नहीं था. सरकार ने उन्हें एक नए स्थान पर स्थानांतरित किया, जहां उन्होंने अपने नए जीवन की शुरुआत की.