Israel Hamas War: इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं. दुनियाभर से जंग रोकने को पड़ रहे दवाब के बीच उन्हें अब घरेलू स्तर पर भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इजरायली पीएम ने गाजा में चल रहे युद्ध के बीच बनाई गई छह सदस्यीय वॉर कैबिनेट को भंग कर दिया है. दरअसल पीएम बेंजामिन इजरायल की गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं. गठबंधन सरकार के एक नेता बेनी गेंट्ज ने कुछ दिन पहले गठबंधन सरकार से किनारा कर लिया था.
इसके बाद से यह संभावना जताई जा रही थी कि वॉर कैबिनेट को भंग किया जा सकता है. इजरायली पीएम के इस निर्णय को इसलिए ज्यादा अहमियत दी जा रही है क्योंकि बीते दिन इजरायली सेना ने बगैर उनकी राय लिए दक्षिणी गाजा के रफाह इलाके में सामरिक युद्धविराम की घोषणा कर दी थी.
रिपोर्ट के मुताबिक,इजरायल के हालिया निर्णयों को गाजा में युद्धविराम रोकने के तौर पर संदर्भित किया जा रहा है. इजरायल पर वैश्विक संगठनों और अंतरराष्ट्रीय बिरादरी से लगातार जंग रोकने का दवाब बनाया जा रहा है. ऐसे में वॉर कैबिनेट का भंग होना गाजा में तबाही के सिग्नल पर विराम लगने जैसा है. इजरायल के वित्त मंत्री और नेशनल सिक्योरिटी मंत्री भी इस वॉर कैबिनेट का हिस्सा होते हैं. इजरायल के अंदर किसी भी युद्ध के समय वॉर कैबिनेट का गठन किया जाता है. यह कैबिनेट युद्ध से जुड़े किसी भी फैसले को लेती है. इजरायली सेना ने हर दिन कुछ घंटों के लिए युद्ध रोकने का निर्णय किया है. इस विराम के मुताबिक, इजरायल सुबह आठ बजे से लेकर शाम सात बजे इजरायली सैन्य हमले नहीं होंगे. इस युद्धविराम की मदद से फिलिस्तीनियों को राहत सहायता को और तेजी से पहुंचाया जाएगा.
सरकार के फैसले को लेकर धुर दक्षिण पंथी गुटों में असंतोष था. यह गुट बेंजामिन की सरकार में भी शामिल हैं. हालांकि सेना के इस कदम पर इजरायली के दक्षिणपंथी दल बेहद भड़के हुए हैं. उन्होंने सामरिक विराम को मूर्ख कदम करार दिया है.हालांकि सेना ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि इस सामरिक विराम का मतलब युद्ध खत्म होना नहीं है. हम हमास के खात्मे तक हमला करना जारी रखेंगे.