7 अक्टूबर 2023. ये तारीख, न इजरायल कभी भूल पाएगा न ही गाजा. यही वह तारीख है जब हमास के लड़ाके इजरायल में घुस गए थे. 1200 लोगों को मारा था, बड़ी तबाही मचाई थी. मिसाइल से इजरायल को धुआं-धुआं कर दिया था. लेकिन क्या आपको पता है कि हमास के इस पाप की सजा किसे मिली? फिलिस्तीन को. गाजा और रफाह शहर, अब कब्रिस्तान नजर आ रहे हैं. हड़प्पा और मोहन जोदाड़ो के उजड़े शहर वैसे क्या दिखते होंगे, जैसा गाजा नजर आ रहा है. यह शहर, 20000 से ज्यादा बच्चों की कब्रगाह है. जिस तरह से उनकी मौतें हुई हैं, उन्हें देखकर आपकी रूह कांप जाएगी.
सोमवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ब्रिटिश की एक संस्था ने करीब 21,000 लापता बच्चों को ढूंढ निकाला है. रिपोर्ट में दावा किया गया है हजारों बच्चे या तो कहीं लापता हो गए हैं, या वे खो गए हैं. उन्हें कोई ढूंढ नहीं पा रहा है. ऐसा भी हो सकता है कि दफन हो गए हों.
ब्रिटिश संस्था का कहना है कि गाजा में ये बच्चे कहां गए हैं, कहां लापता हैं, उन्हें ढूंढ पाना लगभग असंभव है. कम से कम 17,000 बच्चे अकेले हैं, या बिछड़ गए हैं. 4000 से ज्यादा बच्चे मलबों में पड़े हैं, सामूहिक कब्रों में भी उन्हें दफनाया गया है.
अलजजीरा की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यूनिसेफ (UNICEF) 7 अक्टूबर से लेकर अब तक इजरायल के हमलों में 14,000 बच्चे मारे जा चुके हैं. कई बच्चे ऐसे हैं, जो कुपोषण की मार झेल रहे हैं. उनके पास रोने तक की ताकत नहीं बची है. अक्टूबर से अब तक 37,000 लोग मारे गए हैं. मरने वालों में हजारों बच्चे शामिल हैं. इजरायल की सेना के हमलों में फिलिस्तीनियों की जान जा रही है.
यूनिसेफ का दावा है कि यहां 10,300 से ज्यादा बच्चे ऐसे हैं जो कुपोषण की मार झेल रहे हैं. इजरायल गाजा और रफाह पर अब भी इतनी हिंसक कार्रवाई कर रहा है कि बच्चों को ढूंढकर उन तक मदद पहुंचाना, रेस्क्यू टीमों के लिए बेहद मुश्किल हो रहा है.
पूरी दुनिया इस गलती की गुनहगार है. अगर कोई मानवता के ही खात्मे पर उतर जाए तो उसका मुखरित विरोध होना चाहिए. संयुक्त वार होना चाहिए. ऐसा नहीं हो रहा है. लोग अपने-अपने राष्ट्रीय हितों को देखते हुए इजरायल पर दबाव नहीं बना रहे हैं. अमेरिका जैसा देश, महज गीदड़-भभकी जैसी हरकतों पर उतर आया है. अगर दुनिया चाहती तो इजरायल ये विनाशलीला रोक देता लेकिन ये मंशा न बेंजामिन नेतन्याहू की है, न ही दुनिया के सबसे बड़े सूरमा बनने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की.