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India Daily

Israel Hamas Ceasefire: ट्रंप ने हमास से की ये अपील, इजरायल ने गाजा में युद्धविराम की शर्तों को स्वीकारा

Israel Hamas Ceasefire: डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इजरायल ने गाजा में 60 दिनों के युद्धविराम की शर्तों को स्वीकार कर लिया है. ट्रंप ने हमास से कतर और मिस्र द्वारा दिए गए अंतिम प्रस्ताव को स्वीकार करने का आग्रह किया और चेतावनी दी कि इससे बेहतर मौका नहीं मिलेगा. प्रस्ताव में संघर्षविराम, बंधकों की रिहाई और मानवीय सहायता बहाली की शर्तें शामिल हैं.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
US President Donald Trump
Courtesy: Social Media

Israel Hamas Ceasefire: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक महत्वपूर्ण बयान में कहा है कि इजरायल ने गाजा में 60-दिवसीय युद्धविराम की शर्तों को स्वीकार कर लिया है. यह बयान ऐसे समय में आया है जब गाजा में हिंसा और संघर्ष के हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय युद्ध को समाप्त करने के प्रयासों में जुटा हुआ है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रंप ने चेतावनी दी कि यदि यह प्रस्ताव अस्वीकार किया गया, तो हालात और अधिक भयावह हो सकते हैं. उन्होंने कहा, "यह इससे बेहतर नहीं होगा – यह केवल बदतर होता जाएगा." ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि वर्तमान में जो प्रस्ताव कतर और मिस्र द्वारा मध्यस्थता के जरिए प्रस्तुत किया गया है, वह शांति बहाली का अंतिम और सर्वश्रेष्ठ मौका हो सकता है.

ट्रंप ने की हमास से अपील

राष्ट्रपति ने हमास से अपील की कि वह इस प्रस्ताव को स्वीकार कर ले और एक स्थायी शांति की दिशा में कदम बढ़ाए. ट्रंप ने यह भी कहा कि यह प्रस्ताव क्षेत्र में मानवीय सहायता बहाल करने, बंधकों की रिहाई और नागरिकों को सुरक्षा देने की दिशा में एक बड़ा अवसर है. इस समझौते के तहत, दोनों पक्षों को संघर्षविराम का पालन करना होगा और 60 दिनों तक किसी भी प्रकार की आक्रामक कार्रवाई से दूर रहना होगा.

बंधकों की रिहाई

इस प्रस्ताव में हमास के कब्जे में मौजूद बंधकों की क्रमिक रिहाई की बात भी शामिल है, वहीं इजरायल की ओर से सैन्य कार्रवाई रोकने और मानवीय सहायता के रास्ते खोलने की प्रतिबद्धता दर्शाई गई है. अमेरिकी नेतृत्व का मानना है कि इस युद्धविराम से हजारों निर्दोष नागरिकों की जान बचाई जा सकती है और पुनर्निर्माण के प्रयासों की शुरुआत हो सकती है.

संघर्षविराम और वार्ता की अपील 

गौरतलब है कि गाजा में जारी संघर्ष में अब तक हजारों लोग मारे जा चुके हैं और लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं. अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों और संयुक्त राष्ट्र ने बार-बार सभी पक्षों से संघर्षविराम और वार्ता की अपील की है.

आम जनता पर असर

यदि हमास इस प्रस्ताव को ठुकराता है, तो इसका सीधा असर गाजा की आम जनता पर पड़ेगा, जिन्हें पहले से ही गंभीर मानवीय संकट का सामना करना पड़ रहा है.