Israel Iran Conflict: 1979 में ईरानी इस्लामिक क्रांति के बाद शाह मोहम्मद रजा पहलवी को अपना देश छोड़ना पड़ा और वे शरणार्थी बनकर विदेश में रहने लगे. अब उनके बड़े पुत्र, रजा शाह पहलवी, अमेरिका में रहते हुए ईरान में संवैधानिक राजतंत्र और लोकतांत्रिक सुधारों की पैरवी कर रहे हैं. वे ‘नेशनल काउंसिल ऑफ इरान’ के संस्थापक हैं और 40 साल से ईरान में लोकतंत्र लौटाने के लिए संघर्षरत हैं. रजा पहलवी ने कहा,
'40 साल से ज्यादा मैं एक ही चीज़ के लिए लड़ रहा हूं — ईरान में लोकतंत्र. अब हमारा समय आ गया है.' हालिया इजरायल-ईरान टकराव के बीच रजा पहलवी ने ईरानी तानाशाह अली खामेनेई को सत्ता से बेदखल करने की हुंकार भरी. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, 'यह उनका युद्ध है, ईरानी लोगों का नहीं… जब शासन कमजोर होगा, तब ही लोग स्वतंत्रता पा सकेंगे.'
रजा पहलवी के मुताबिक इजरायली हमलों का मकसद आम नागरिकों को चोट पहुंचाना नहीं, बल्कि शासन को बेअसर करना था. उन्होंने जोह कहा, 'इस हमले का उद्देश्य शासन के खतरे को बेअसर करना था… इजरायल का ईरानी नागरिकों पर हमला नहीं करने का इरादा.'
रजा पहलवी का राजनीतिक प्लान संवैधानिक राजतंत्र की स्थापना पर केंद्रित है—जहां एक संवैधानिक राजा होगा और लोकतांत्रिक संस्थान काम करेंगे. वे मानते हैं कि, 'ईरानी शासन को आपके जीवन, सम्मान या भविष्य की परवाह नहीं है… इन संस्थाओं से सहयोग बंद कर आप मुक्ति की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं.' उनकी अपील है कि जनता दमन और लुभावने दुष्प्रचार से मुक्त होकर नए ईरान का निर्माण करे.
अमेरिका में सक्रिय रजा पहलवी अक्सर अमेरिकी नीति निर्माताओं और मीडिया से विचार-विमर्श करते हैं. वे अमेरिका और इजरायल से ईरान के खिलाफ कड़े कदम उठाने और लोकतांत्रिक आंदोलनों का समर्थन करने की अपील करते हैं.
हालांकि, शाह परिवार की वापसी की विचारधारा को ईरान की पुरानी पीढ़ी और उदारवादी विपक्षी समूहों का मिश्रित समर्थन मिलता है. कई लोग राजतंत्र को पिछली शाही दमननीतियों से जोड़कर देखते हैं, जबकि कुछ को नया संवैधानिक मॉडल आकर्षक लगता है.