Iran Israel War: ईरान और इजरायल के बीच जारी युद्ध ने माजंदरान प्रांत के सारी शहर को तबाही के आगोश में ला दिया है. यह खूबसूरत शहर, जो कभी अपनी हरियाली और शांति के लिए जाना जाता था, अब सन्नाटे और बारूद की गंध से घिरा है. पिछले नौ दिनों से सारी की सड़कों पर जनाजों का तांता लगा है, जो इजरायली मिसाइलों, ड्रोनों और बमबारी में मारे गए लोगों की त्रासदी बयां कर रहे हैं.
ईरान-इजरायल जंग से इस शहर में छाया मातम
माजंदरान, ईरान का एक रमणीय प्रांत, अल्बोरज पर्वत की ढलानों और कैस्पियन सागर के तट के बीच बसा है. सारी, इस प्रांत का सबसे बड़ा और सबसे अधिक आबादी वाला शहर, कभी पर्यटकों और इतिहास प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र था. यह शहर कभी ईरान की अस्थायी राजधानी भी रहा. लेकिन अब युद्ध ने इसकी रौनक छीन ली है. सड़कों पर गुस्सा और आंसुओं का माहौल है, जहां लोग अपने प्रियजनों को खोने का दर्द झेल रहे हैं.
रोते-बिलखते लोग अपनों को यूं दे रहे कंधा
इजरायल के हमलों ने सारी सहित ईरान के कई शहरों को निशाना बनाया है. स्थानीय लोग बताते हैं कि बमबारी की आवाजें और सायरन अब रोजमर्रा का हिस्सा बन गए हैं. ईरान की इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने दावा किया है कि उन्होंने इजरायल पर 400 से अधिक मिसाइलें और ड्रोन दागे, लेकिन इजरायल की आयरन डोम और एरो-3 डिफेंस सिस्टम ने कई हमलों को नाकाम किया. दूसरी ओर इजरायल ने सारी सहित ईरान के सैन्य ठिकानों और परमाणु सुविधाओं पर हमले किए, जिससे भारी नुकसान हुआ.
'युद्ध कोई समाधान नहीं है'
सारी की सड़कों पर लोग अपने शहीदों को अंतिम विदाई दे रहे हैं. ईरान के राष्ट्रीय ध्वज में लिपटे ताबूतों को देखकर महिलाएं और युवा गुस्से और दुख में डूबे हैं. शहर का माहौल भारी है, जहां हर कोई इस युद्ध को खत्म करने की मांग कर रहा है. नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नरगिस मोहम्मदी ने कहा, 'यह युद्ध कोई समाधान नहीं है.' सारी के लोग अब शांति की उम्मीद में हैं, लेकिन युद्ध की आग उनके शहर को जलाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही.