Independence Day celebrations 2025: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख ने 79वें स्वतंत्रता दिवस को देशभक्ति के उत्साह के साथ मनाया, जिसका मुख्य आकर्षण 2017 के बाद से जम्मू-कश्मीर में निर्वाचित सरकार के तहत पहला उत्सव था. सीएम उमर अब्दुल्ला के भावुक संबोधन से लेकर नियंत्रण रेखा और सियाचिन में सेना के ध्वजारोहण तक, इस क्षेत्र ने एकता और लचीलेपन का प्रदर्शन किया.
जम्मू और कश्मीर (जेके) और लद्दाख ने अपने स्वतंत्रता दिवस समारोह नए जोश और देशभक्ति की भावना के साथ मनाए, जो इस क्षेत्र के उभरते राजनीतिक परिदृश्य और शेष भारत के साथ एकता को दर्शाता है. इस वर्ष के उत्सव का विशेष महत्व था, क्योंकि 2019 में अनुच्छेद 370 के ऐतिहासिक उन्मूलन के बाद, 2017 के बाद से यह जम्मू और कश्मीर में किसी निर्वाचित सरकार के तहत मनाया गया पहला स्वतंत्रता दिवस था.
जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम में आयोजित मुख्य समारोह में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया. 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम में एक विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने एक भावपूर्ण और विचारोत्तेजक भाषण दिया. उन्होंने कहा, "जम्मू-कश्मीर के लोगों ने अपने प्रतिनिधि को यहाँ से संबोधित करते हुए छह साल से ज़्यादा समय बीत चुका है." उन्होंने आगे कहा, "जब मैंने आखिरी बार इस मंच से भाषण दिया था, तब मैं एक राज्य का मुख्यमंत्री था. देश में हमारी अपनी पहचान थी, एक संविधान, एक झंडा और राज्य का दर्जा. आज, इनमें से कुछ भी नहीं बचा है."
VIDEO | Independence Day 2025: Addressing a gathering at Bakshi Stadium in Srinagar, J&K Chief Minister Omar Abdullah says, “More than six years have passed since the people of Jammu and Kashmir last heard their representative address them from here. When I last spoke from this… pic.twitter.com/R5m4vSNPnX
— Press Trust of India (@PTI_News) August 15, 2025
उन्होंने क्षेत्र में लोकतंत्र की बहाली के लिए लंबे इंतज़ार को स्वीकार करते हुए कहा, "लोकतंत्र की बहाली में भी समय लगा, लेकिन देर आए दुरुस्त आए. आज, लोगों के पास आखिरकार एक बार फिर अपनी सरकार है." क्षेत्र के कई लोगों की उम्मीदों को व्यक्त करते हुए, अब्दुल्ला ने राज्य के दर्जे पर एक बड़ी घोषणा की अपनी प्रत्याशा साझा की. उन्होंने कहा, "हमें थोड़ी उम्मीद थी कि 15 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के लिए कोई बड़ी घोषणा होगी. मुझे तो यह भी बताया गया था कि कागज़ात तैयार किए जा रहे हैं. हमने इंतज़ार किया, लेकिन कुछ नहीं हुआ." उन्होंने जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक अधिकारों और राज्य के दर्जे की पूर्ण बहाली की निरंतर इच्छा को रेखांकित किया. उन्होंने पुलिस, अर्धसैनिक बलों, एनसीसी कैडेटों और स्कूली बच्चों की टुकड़ियों द्वारा आयोजित औपचारिक मार्च-पास्ट में भी हिस्सा लिया. जम्मू में, उपमुख्यमंत्री सुरेंद्र कुमार चौधरी ने मौलाना आज़ाद स्टेडियम में ध्वजारोहण करके और मार्च पास्ट का निरीक्षण करके समारोह का नेतृत्व किया.
मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने बलिदान स्तंभ पर श्रद्धांजलि अर्पित की और देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीरों को नमन किया. अपने सोशल मीडिया हैंडल X (पूर्व में ट्विटर) पर उन्होंने भारत के लोगों को शुभकामनाएं दीं और स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को साकार करने की आशा व्यक्त की.
स्वतंत्रता दिवस से पहले, देशभक्ति की भावना का प्रसार करने के लिए जम्मू-कश्मीर में जीवंत 'तिरंगा रैलियाँ' आयोजित की गईं. 12 अगस्त को, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र (SKICC) से चश्मा शाही तक एक विशाल रैली का नेतृत्व किया. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, कैबिनेट मंत्री, वरिष्ठ भाजपा नेता और शीर्ष अधिकारी शामिल हुए.
उपराज्यपाल कार्यालय ने भी सोशल मीडिया पर बधाई संदेश पोस्ट करते हुए कहा, "स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर सभी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं. जय हिंद!"
श्रीनगर के लाल चौक स्थित प्रतिष्ठित घंटाघर से स्वतंत्रता दिवस समारोह की जीवंत तस्वीरें सामने आईं, जो क्षेत्र के नए उत्साह को दर्शाती हैं. इस बीच, भारतीय सेना ने उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा ज़िले के तंगडार सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर तिरंगा फहराया.
#WATCH | J&K: Visuals from the iconic Ghanta Ghar at Lal Chowk in Srinagar on #IndependenceDay2025 this morning. pic.twitter.com/nG6PyydMQx
— ANI (@ANI) August 15, 2025
सेना ने अपनी वायु रक्षा प्रणाली का भी प्रदर्शन किया, जिसने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी ड्रोनों को मार गिराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिससे क्षेत्र में राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता रेखांकित हुई. बारिश के बावजूद, स्थानीय लोग स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेने के लिए किश्तवाड़ के नए बस स्टैंड पर बड़ी संख्या में एकत्रित हुए. अतिरिक्त उपायुक्त अनिल ठाकुर ने तिरंगा फहराया और औपचारिक समारोह की सलामी ली. कार्यक्रम को सादगीपूर्ण रखा गया और मार्च पास्ट तक सीमित रखा गया, जिसमें किश्तवाड़ में हाल ही में बादल फटने से मारे गए लोगों की स्मृति में दो मिनट का मौन रखा गया.
लद्दाख में, फायर एंड फ्यूरी कोर ने अटूट देशभक्ति के साथ 79वां स्वतंत्रता दिवस मनाया. दुर्गम सीमा चौकियों से लेकर सियाचिन ग्लेशियर की चुनौतीपूर्ण ऊँचाइयों तक, सैनिकों ने गर्व के साथ राष्ट्रीय ध्वज फहराया. लद्दाख के लोगों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिससे क्षेत्र की एकजुटता और राष्ट्र के प्रति समर्पण का संकेत मिला.
Independence Day 2025
— @firefurycorps_IA (@firefurycorps) August 15, 2025
Fire and Fury Corps is celebrating the 79th Independence Day with unwavering patriotism and zeal.
From remote border posts to the Siachen Glacier, troops hoisted the Tricolour, as Ladakh’s people joined in with equal fervour.#IndependenceDay2025@adgpi… pic.twitter.com/zr42HBBLiZ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर में हुए महत्वपूर्ण राजनीतिक एवं प्रशासनिक बदलावों का ज़िक्र किया. 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 के निरस्त होने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करके प्रत्यक्ष केंद्रीय शासन लागू होने के बाद, इस वर्ष के समारोहों ने जम्मू-कश्मीर में एक निर्वाचित सरकार की बहाली के साथ एक नया अध्याय शुरू किया. प्रधानमंत्री के भाषण में भारत की संप्रभुता और एकता की सुरक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला गया, जो विषय इस वर्ष के स्वतंत्रता दिवस समारोहों के दौरान जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में दृढ़ता से गूंजे. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख जैसे-जैसे राजनीतिक और सामाजिक रूप से विकसित हो रहे हैं, यह स्वतंत्रता दिवस उनकी अटूट देशभक्ति, शांति के प्रति प्रतिबद्धता और भारतीय संघ के साथ एकीकरण का प्रमाण बन गया. पूरे क्षेत्र में मनाए गए समारोहों ने एकता, गौरव और समृद्ध भविष्य की आशा की भावना को दर्शाया.