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कभी रहे जिगरी यार आज बन गए कट्टर दुश्मन, ईरान-इजरायल की जंग की पूरी कहानी, जानिए UPSC के लिए क्यों है जरूरी

इजरायल का आरोप है कि ईरान हमास और हिज्बुल्लाह जैसे गुटों को हथियार और पैसा देता है, ताकि इजरायल पर हमला हो सके. वहीं ईरान खुद को ‘फिलिस्तीन का रक्षक’ बताता है और इजरायल के हर कदम का जवाब देने की धमकी देता है.

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Edited By: Reepu Kumari
Iran-Israel Conflict

Iran-Israel Conflict: मिडिल ईस्ट का तनाव एक बार फिर दुनिया की चिंता का कारण बन गया है. ईरान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है. कभी सहयोगी रहे ये दोनों देश अब एक-दूसरे के खून के प्यासे बन चुके हैं. आए दिन हो रहे हमले, ऑपरेशन और जवाबी कार्रवाइयों ने इस टकराव को जंग की शक्ल दे दी है.

ऐसे में जब यूपीएससी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में अंतरराष्ट्रीय संबंधों और समसामयिक घटनाओं पर प्रश्न पूछे जाते हैं, ईरान-इजरायल का मुद्दा विशेष महत्व रखता है. इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे ये दोनों देश कभी दोस्त थे, उनके बीच टकराव कब शुरू हुआ, और आज के हालात कैसे इतने बिगड़ गए कि मिसाइलें और लड़ाकू विमान जवाब देने लगे.

कैसे शुरू हुआ मौजूदा संघर्ष?

13 जून को इजरायल ने 'ऑपरेशन राइजिंग लॉयन' के तहत ईरान के न्यूक्लियर और मिलिट्री ठिकानों पर बड़ा हमला किया. इसके बाद ईरान ने भी 'ट्रू प्रोमिस 3' ऑपरेशन के तहत इजरायली शहरों पर मिसाइलें दाग दीं. इस झड़प में ईरान के कई टॉप मिलिट्री अधिकारी और न्यूक्लियर साइंटिस्ट मारे गए.

 कभी मजबूत दोस्त थे ईरान और इजरायल

1948 में जब इजरायल बना, तो अधिकतर मुस्लिम देशों ने उसे मान्यता नहीं दी, लेकिन ईरान ने रिश्ते बनाए रखे. दोनों के बीच तेल, हथियार और खुफिया जानकारी तक का आदान-प्रदान होता था. अमेरिका की दोस्ती ने दोनों को करीब लाया.

1979 की इस्लामिक क्रांति बनी टकराव की जड़

शाह के शासन के बाद जब ईरान में इस्लामिक क्रांति हुई, तो सब कुछ बदल गया. नया नेतृत्व इजरायल को ‘शैतान’ मानने लगा. इसके बाद दोनों देशों के रिश्तों में गिरावट शुरू हो गई, जो अब खुली दुश्मनी में बदल चुकी है.

परमाणु बम बना विवाद का बड़ा कारण

इजरायल का दावा है कि ईरान परमाणु हथियार बना रहा है, जो उसके अस्तित्व के लिए खतरा है. इसी कारण इजरायल ने 2010 और फिर 2024 में ईरानी ठिकानों को निशाना बनाया. जवाब में ईरान ने भी कई बार मिसाइल हमले किए.

गाजा और हिज्बुल्लाह के जरिए छद्म युद्ध

इजरायल का आरोप है कि ईरान हमास और हिज्बुल्लाह जैसे गुटों को हथियार और पैसा देता है, ताकि इजरायल पर हमला हो सके. वहीं ईरान खुद को ‘फिलिस्तीन का रक्षक’ बताता है और इजरायल के हर कदम का जवाब देने की धमकी देता है.

UPSC के लिए क्यों जरूरी है ये टॉपिक?

इस टकराव में इतिहास, भू-राजनीति, धर्म, ऊर्जा सुरक्षा और वैश्विक कूटनीति का अद्भुत मिश्रण है. इसलिए यूपीएससी जैसी परीक्षाओं में ईरान-इजरायल के रिश्तों और संघर्ष को लेकर प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं.