इज़रायल और हमास के बीच चल रहे खूनी संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस दौरान इजरायली सुरक्षा बल (आईडीएफ) ने शुक्रवार (15 अगस्त) को ऐलान किया है कि पिछले सप्ताह दक्षिणी गाजा में एक टारगेटेड हवाई हमले में हमास के वरिष्ठ कमांडर नासिर मूसा को मार गिराया गया. 9 अगस्त 2025 को, आईडीएफ और शिन बेट ने संयुक्त अभियान में खान यूनिस क्षेत्र में हमास की राफा ब्रिगेड के "नियंत्रण विभाग" के प्रमुख नासिर मूसा को खत्म किया.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आईडीएफ का कहना है कि, मूसा राफा ब्रिगेड के लड़ाकों की तत्परता और प्रशिक्षण अभ्यासों की देखरेख के लिए जिम्मेदार था. इसके अलावा, वह खुफिया और निगरानी के कामों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा था. आईडीएफ ने अपने बयान में कहा, "9 अगस्त 2025 को, दक्षिणी कमान के नेतृत्व में खान यूनिस क्षेत्र में हमास की आतंकी संगठन के सैन्य नियंत्रण विभाग के प्रमुख नासिर मूसा को निशाना बनाकर मार गिराया गया.
मूसा का हमास में कैसा रहा महत्वपूर्ण योगदान!
बता दें कि, नासिर मूसा, राफा ब्रिगेड के कमांडर मोहम्मद शबाना का करीबी सहयोगी था, जिसे मई 2025 में मार गिराया गया था. मूसा ने हमास की राफा ब्रिगेड में सैन्य खुफिया प्रमुख और अवलोकन नेटवर्क के प्रमुख जैसे महत्वपूर्ण पदों पर काम किया. आईडीएफ ने बताया कि मूसा का खात्मा राफा ब्रिगेड की कार्यक्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा और हमास के आतंकी हमलों को अंजाम देने की क्षमता को कमजोर करेगा.
गाजा में हमास के ठिकानों पर हमले तेज
गुरुवार को एक अलग अभियान में, इज़रायली लड़ाकू विमानों ने खान यूनिस में एक इमारत पर हमला किया, जिसे हमास के आतंकवादी रॉकेट भंडारण के लिए उपयोग कर रहे थे. आईडीएफ ने इस हमले का वीडियो जारी करते हुए हमास के परिचालन ढांचे को नष्ट करने की बात कही.
गाजा सिटी पर नियंत्रण की योजना
यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब इज़रायल के राजनीतिक-सुरक्षा मंत्रिमंडल ने गाजा सिटी पर "नियंत्रण" स्थापित करने की योजना को मंजूरी दी है. पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने बयान जारी कर कहा, "इज़रायली सेना गाजा सिटी पर नियंत्रण स्थापित करने की तैयारी करेगी, साथ ही युद्ध क्षेत्रों के बाहर नागरिक आबादी को मानवीय सहायता प्रदान की जाएगी.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ता विवाद
इज़रायल की गाजा नीति और वेस्ट बैंक में कथित दमनकारी उपायों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी विश्वसनीयता को संकट में डाल दिया है. नेतन्याहू की गाजा पर पूर्ण सैन्य नियंत्रण की योजना और क्षेत्र में बढ़ते मानवीय संकट ने कड़ी निंदा को जन्म दिया है. अमेरिका के समर्थन के बावजूद, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इज़रायल की वैश्विक छवि को सुधारने में सालों लग सकते हैं. वैश्विक राय में उल्लेखनीय बदलाव देखने को मिला है.
फ्रांस ने सितंबर में फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने की योजना की घोषणा की है, जबकि यूनाइटेड किंगडम और कनाडा ने भी इसका अनुसरण करने का संकल्प लिया है. वहीं, जर्मनी ने मान्यता प्रक्रिया शुरू की है, और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने संकेत दिया है कि उनका देश भी जल्द ही फिलिस्तीन को मान्यता दे सकता है. इस बीच, स्पेन और स्वीडन ने यूरोपीय संघ के साथ इज़रायल के व्यापार समझौते को निलंबित करने की मांग की है. नीदरलैंड ने इज़रायल को "सुरक्षा खतरा" करार देते हुए डच जनमत को प्रभावित करने के प्रयासों का हवाला दिया है.