menu-icon
India Daily
share--v1

भारत में घुटनों के बल गिरा मालदीव, चीन की दोस्ती ने बनाया बिन पेंदी का लोटा!

जिस मालदीव की अर्थव्यवस्था भारतीय पर्यटोंकों के भरोसे चलती हो, वही अब आंख दिखाने लगा है. चीन के इशारे पर बड़बोले राष्ट्रपति मोइज्जू भारत से ही पंगा ले बैठते हैं. भारत ने इस बार उनकी हेकड़ी निकाल दी है.

auth-image
India Daily Live
 Musa Jamir and Arvind Kejriwal
Courtesy: ANI

देश को भी हो, भारत से पंगा में जिसने भी लिया, उसकी बर्बादी तय. श्रीलंका हो या मालदीव, सबका हश्र कैसा होता है, ये दुनिया जानती है. एक जमाने में श्रीलंका को भी चीन से दोस्ती का शोौक चढ़ा था. नतीजा ये हुआ कि लोग दाने-दाने को मोहताज हो गए, दंगे भड़के, मंहगाई ने आसमान छू लिया. ऐसे वक्त में अगर भारत ने हाथ दिया होता तो श्रीलंका का डूबना तय था. अब मालदीव को भी चीन से दोस्ती का शौक चढ़ा. भारत ने जब अपना दम दिखाया तो एक बार फिर उसे घुटनों के बल आना पड़ा.

भारत आकर मालदीव के सुर ही बदल गए हैं. विदेश मंत्री मूसा जमीर ने कहा है कि अब हिंद महासागर की शांति और सुरक्षा भारत, मालदीव, श्रीलंका और हमारे पड़ोदी देशों के लिए जरूरी है. हम साथ मिलकर काम करेंगे. मूसा जमीन को यह कहना पड़ा कि हम भारत के साथ रिश्ते बेहतर करने की दिशा में काम करेंगे.

चीन का चमचा बने मालदीव की अक्ल अब ठिकाने आ गई है. अब वह भारत के खिलाफ कुछ भी बोलने से डर रहा है. मोहम्मद मोइज्जू सरकार ने ऐसे घुटनों पर आ गई है कि उसने चीन के जासूसी जहाज को अपने समुद्री इलाके में घुसने की इजाजत नहीं दी है. 

चीन के खिलाफ अब गया मालदीव
मालदीव के विदेशमंत्री मूसा जमीन को यह कहना पड़ा है कि मालदीव सरकार ने मालदीव के जल क्षेत्र में रिसर्च के लिए चीन की जहाज को इजाजत नहीं दी है. चीन का जासूसी जहाज जियांग यांग होंग 3 मालदीव के समुद्री इलाके में आने वाला था लेकिन मालदीव को मना करना पड़ा. 

अब ठिकाने आई अक्ल
विदेश मंत्रालय ने साफ कह दिया है कि भारतीय सैन्यकर्मियों की वापसी मालदीव से कराई जाएगी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने इसकी पुष्टि की है. मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने गुरुवार को कहा कि भारत के साथ उनके देश के रक्षा संबंध सैन्य कर्मियों से परे हैं और दोनों देश हिंद महासागर को एक शांतिपूर्ण स्थान बनाने के लिए मिलकर काम करेंगे. जिन प्लेटफार्मों को भारतीय सैन्यकर्मी संभाल रहे थे, अब उन्हें नागरिक संभालेंगे. मालदीव ने यह साफ कह दिया है कि जो भारत विरोधी बयान आए थे, वे मोइज्जू सरकार के आधिकारिक बयान नहीं थे. मंत्रियों के बयान थे, जिन्हें हटा दिया गया था. मालदीव अब भविष्य में चीन के साथ कोई सैन्य समझौता नहीं करेगा.

भारत ने निकाली मालदीव की हेकड़ी
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यह तो कहा कि पड़ोसी होने की वजह से मालदीव को भारत से बेहतर संबंध रखने चाहिए. उन्होंने कहा था कि हम अपनी नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी और सागर नीति को लेकर प्रतिबद्ध हैं. उम्मीद है कि हमारे नजरिए को मजबूती मिलेगी. मालदीव के विकास में भारत ने अहम भूमिका निभाई है. हमारे कई प्रोजेक्ट्स से आपके देश के लोगों को फायदा हुआ है.' 

बिन पेंदी के लोटा बना मालदीव
मालदीव अब बिन पेंदी का लोटा बन गया है. कभी भारत से पंगा लेता है कभी चीन से. भारत के खिलाफ जाकर वह पर्यटन के क्षेत्र में अपना सत्यानाश कर चुका है. भारत वहां अस्पताल से लेकर रक्षा क्षेत्र तक में निवेश कर चुका है. भारत ने कोविड महामारी के दौरान वैक्सीन मुहैया कराई थी. भारतीय पर्यटक वहां की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देते हैं.

जबसे लक्षद्वीप को लेकर मालदीव के मंत्रियों के आपत्तिजनक बयान आए थे, तब से ही लोगों ने मालदीव जाना बंद कर दिया था. मालदीव मोइज्जू सरकार की नीतियों की वजह से भारतीयों के निशाने पर है. कभी मोइज्जू को चीन पसंद आता है, कभी भारत से पंगा लेते हैं. मालदीव का हाल बिन पेंदी के लोटे जैसा हो गया है, कभी इधर लुढकता है, कभी उधर.

Subscribe to Our YouTube Channel!

Stay updated with our latest videos. Click the button below to subscribe now!