Hijabs Sculpture in UK: एक ओर दुनियाभर की महिलाएं हिजाब से आजादी के लिए आंदोलन कर रही हैं तो दूसरी तरफ ब्रिटेन की ल्यूक पेरी नामक एक आर्टिस्ट ने हिजाब पहने हुए एक महिला की कई फीट ऊंची प्रतिमा तैयार कर दी है. पेरी के इस कदम से यूके को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. पेरी ने हिजाब पहनने वाली महिलाओं को श्रद्धांजलि देने के इरादे से 'स्ट्रेंथ ऑफ द हिजाब' नाम से एक स्टैच्यू बनाया है.
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस तरह की यह दुनिया की पहली कलाकृति है. यह प्रतिमा इंग्लैंड के बर्मिंघम में लगाई जा रही है. पांच मीटर ऊंची और लगभग एक टन वजन वाली इस प्रतिमा का अगले महीने इंग्लैंड के वेस्ट मिडलैंड्स के स्मेथविक में अनावरण किया जाएगा. इस प्रतिमा के बारे में कलाकार ल्यूक पेरी बताते हैं कि हिजाब ताकत का एक हिस्सा है जो उन महिलाओं का प्रतिनिधित्व करता है जो इस्लामी आस्था के तहत हिजाब पहनना स्वीकार करती हैं. पेरी का मानना है कि हिजाब समुदाय का बहुत कम प्रतिनिधित्व जरूर करता है लेकिन यह बहुत जरूरी है.
ल्यूक पेरी ने इस्लाम और उसकी परंपराओं को मजबूती प्रदान कराने के महत्व पर खासा जोर दिया है. उन्होंने कहा कि हिजाब पहनने वाली महिलाओं को समझने की जरूरत है. पेरी ने कहा कि हिजाब लेडी की डिजाइन को मंजूरी देने के लिए मुस्लिम समुदाय के साथ सफर काफी रोमांचक रहा. ब्रिटेन में इस स्टैच्यू के अनावरण से विवाद को एक नई हवा मिल गई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2021 के आंकड़ों के मुताबिक, बर्मिंघम में कुल मिलाकर 355384 एशियाई नागरिक हैं. इनमें से 66519 नागरिक भारत के और 195102 पाकिस्तान के नागरिक हैं. पेरी ने इस दौरान यह भी कहा कि इस बात की काफी आशंका है यह प्रतिमा विवादों के घेरे में आ सकती है और आलोचक इसे निशाना बना सकते हैं.
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