नई दिल्ली: जापान में शुक्रवार सुबह 6.7 तीव्रता का तेज भूकंप आया, जिससे पूरे देश में दहशत फैल गई. यह झटका इतना जोरदार था कि तटीय इलाकों से लेकर दूर बसे शहरों तक धरती हिल गई. भारतीय समय के अनुसार भूकंप सुबह 8:14 बजे आया. इसकी गहराई 10.7 किलोमीटर मापी गई, जो इसे और ज्यादा खतरनाक बनाती है. भूकंप का केंद्र समुद्र के पास था, इसलिए कई इलाकों में अलार्म बजाए गए और लोग घबराकर बाहर निकल आए.
भूकंप के तुरंत बाद जापान मौसम एजेंसी ने तटीय क्षेत्रों के लिए सुनामी की चेतावनी जारी कर दी. एजेंसी ने कहा कि समुद्र में एक मीटर तक ऊंची लहरें उठ सकती हैं. खासकर होक्काइडो सेंट्रल पैसिफिक कोस्ट, आओमोरी प्रीफेक्चर, इवाते प्रीफेक्चर और मियागी प्रीफेक्चर में अलर्ट जारी किया गया. स्थानीय प्रशासन ने लोगों से तटीय इलाकों से दूरी बनाए रखने और ऊंचे स्थानों पर जाने की अपील की है.
An aftershock strong enough to trigger tsunami advisories along the Pacific coasts of norther Honshu and Hokkaido, Japan. M6.7 with maximum tsunami height up to 1m possible pic.twitter.com/gz4JcheajS
— James Reynolds (@EarthUncutTV) December 12, 2025
यह भूकंप ऐसे समय में आया है जब जापान इस पूरे हफ्ते लगातार कंपनों से जूझ रहा है. सोमवार को 7.6 तीव्रता का बड़ा भूकंप आया था, जिसमें 50 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. सड़कें टूट गई थीं और छोटे सुनामी वेव्स भी दर्ज किए गए थे. मंगलवार को होंचो शहर में 6.7 मैग्नीट्यूड का झटका महसूस हुआ. बुधवार को आओमोरी और होक्काइडो में 6.5 तीव्रता का भूकंप आया. अब शुक्रवार को फिर 6.7 का तेज झटका लगा है, जिससे जापान इस हफ्ते चौथी बार कांप उठा है.
लगातार आ रहे भूकंपों के बाद जापान मौसम एजेंसी ने एक दुर्लभ 'मेगाक्वेक एडवाइजरी' जारी की है. एजेंसी ने चेतावनी दी है कि अगले एक हफ्ते में 8.0 या उससे बड़े भूकंप का खतरा बढ़ गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि 2011 के विनाशकारी 9.0 तीव्रता वाले भूकंप से पहले भी इसी तरह के पैटर्न देखे गए थे. जापान की टेक्टॉनिक प्लेटें इस समय भारी दबाव में हैं, खासकर होक्काइडो और सानरिकु तट के आसपास.
हालांकि आज आए भूकंप से किसी बड़े नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है. कई जगह ट्रेन सेवाएं रोक दी गई हैं. तटीय हाईवे अस्थायी रूप से बंद कर दिए गए हैं. लोग अपने घरों से बाहर निकलकर खुले स्थानों में जमा हो गए हैं. स्थानीय प्रशासन ने कहा है कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और बचाव दल सतर्क हैं.