Guru Nanak Deo Birth Anniversary: गुरु नानक देव जी की 555वीं जयंती (प्रकाश पर्व) के मौके पर यूरोप भर में 'दस्तार दा लंगर' (फ्री पगड़ी वितरण और पगड़ी बांधने की कला सिखाना) को एक केंद्रीय थीम के रूप में मनाया जाएगा. इस खास अवसर पर कई गुरुद्वारों में पगड़ी बांधने की नि:शुल्क शिक्षा दी जाएगी. इसके साथ ही सभी उम्र के लोगों को पगड़ियां बांटी जाएंगी.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यूरोप के कई गुरुद्वारों में गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर कई धार्मिक गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें गट्टका (सिख युद्ध कला) का प्रदर्शन भी शामिल है. यह आयोजन गुरु नानक देव जी के जीवन और उनकी शिक्षाओं को सम्मान देने के लिए किया जा रहा है. गुरु नानक देव जी के योगदान और उनकी शिक्षाओं को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए यह कदम उठाया गया है.
युवा पीढ़ी सिख परंपरा से हो रही दूर
इस बीच ऑस्ट्रिया सिख समुदाय के वरिष्ठ सदस्य,सुरिंदर सिंह परमार ने बताया कि यूरोप भर के कई गुरुद्वारे 'दस्तार दा लंगर' का आयोजन करेंगे. उन्होंने कहा कि पगड़ी सिख धर्म का एक शक्तिशाली प्रतीक है, जो ईमानदारी, सहानुभूति और समानता जैसी सिख धर्म की मूल बातें अपनाने का प्रतीक है. हालांकि, हाल के सालों में कई सिख, खासकर युवा पीढ़ी बाल कटवाने या पगड़ी पहनने से परहेज करने की वजह से इस पवित्र परंपरा से दूर हो गए हैं.
युवा पीढ़ी के लिए सिख धर्म से जुड़ने का एक कदम
स्विट्जरलैंड के राजविंदर सिंह ने कहा, "हम मानते हैं कि सिख बच्चों, खासकर उन बच्चों को, जो अपनी आस्था से दूर हो गए हैं, पगड़ी बांधने की कला सिखाकर और नि:शुल्क पगड़ियां प्रदान करके फिर से सिख धर्म से जोड़ा जा सकता है. यह पहल सिख संस्कृति का गर्व बढ़ाएगी, सिख परंपराओं को संरक्षित करेगी और सिख धर्म की समानता और सम्मान की मूल धारा को मजबूत करेगी."
थाईलैंड में भी गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व
थाईलैंड में भी गुरु नानक देव जी की 555वीं जयंती का आयोजन जोर-शोर से हो रहा है. थाई सिख समाज के दरशन सिंह सचदेव (साकड़ा सचमित्र) ने बताया कि गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के लिए तैयारी चल रही है. 12 नवंबर से अकंड पाठ की शुरुआत होगी, और 15 नवंबर को भोग समारोह आयोजित किया जाएगा. इस दौरान विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए सिख धर्म की मूल शिक्षाओं को युवाओं तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा.