एफबीआई निदेशक काश पटेल एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं. वाशिंगटन स्थित अमेरिकी कैपिटल बिल्डिंग में उन्हें एक्टिविस्ट्स के कड़े विरोध और नारेबाजी का सामना करना पड़ा. आरोप लगाया गया कि वह बच्चों के साथ हुए यौन शोषण के मामलों को गंभीरता से नहीं ले रहे और अमेरिकी जनता की सेवा करने के बजाय इजराइल के हित साध रहे हैं. यह घटना उस समय सामने आई, जब सीनेट ज्यूडिशियरी कमेटी में पटेल से जेफ्री एप्स्टीन फाइलों पर सवाल-जवाब हो रहे थे.
एक वायरल वीडियो में साफ दिखाई देता है कि एक एक्टिविस्ट पटेल से आक्रामक अंदाज में कहता है, 'आपको बच्चों के रेप की कोई परवाह नहीं है.' इस दौरान पटेल चुप्पी साधे नजर आते हैं और सवालों को टालते हुए दिखते हैं. आरोप लगाने वालों ने यह भी कहा कि वह अमेरिकी नागरिकों के बजाय इजराइल के लिए काम कर रहे हैं.
सुनवाई के दौरान मैरीलैंड के डेमोक्रेट प्रतिनिधि जेमी रास्किन ने पटेल से पूछा कि कैसे वह पहले पारदर्शिता और जवाबदेही की बात कर रहे थे और अब एप्स्टीन केस को दबाने का हिस्सा बन गए हैं. पटेल ने जवाब दिया कि कानून की सीमा में रहते हुए एफबीआई ने सारी जानकारी पहले ही सार्वजनिक कर दी है. हालांकि, उन्होंने संकेत दिए कि वह ट्रंप के दावे की जांच करेंगे जिसमें कहा गया था कि एप्स्टीन के पास राष्ट्रपति के हस्ताक्षर वाला संदिग्ध पत्र मिला है.
'Cuck for Israel' — Kash Patel heckled in public
— RT (@RT_com) September 18, 2025
An activist aggressively confronted FBI Director Kash Patel, accusing him of serving Israeli interests
'The American people want to know, how does it feel to be Israel's b*tch?' pic.twitter.com/KIZ34KWst7
पटेल को केवल डेमोक्रेट्स ही नहीं बल्कि रिपब्लिकन हलकों से भी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. कंजरवेटिव एक्टिविस्ट क्रिस्टोफर रूफो ने सवाल उठाया कि क्या पटेल एफबीआई चलाने के लिए सही व्यक्ति हैं. वहीं, रिपब्लिकन सांसदों ने भी एप्स्टीन केस से जुड़े दस्तावेजों की रिलीज पर सवाल उठाए.
पटेल पर पहले भी विवाद खड़े हुए हैं. हाल ही में यूटा यूनिवर्सिटी में ट्रंप समर्थक चार्ली किर्क की हत्या के बाद उनके शुरुआती बयानों पर सवाल उठे थे. उन्होंने पहले एक संदिग्ध की गिरफ्तारी की घोषणा की थी, लेकिन दो घंटे बाद बयान बदलते हुए कहा कि संदिग्ध को रिहा कर दिया गया है. बाद में वास्तविक आरोपी को 33 घंटे बाद पकड़ा गया. इन घटनाओं ने उनकी कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.