Russia Ukarine War Updates: यूक्रेन-रूस युद्ध में एक और बड़ा मोड़ रविवार को आया, जब यूक्रेन ने ‘ऑपरेशन स्पाइडर वेब’ के तहत रूस पर बड़ा हमला कर दिया. इस हमले में यूक्रेन ने अत्याधुनिक FPV (फर्स्ट पर्सन व्यू) ड्रोन का इस्तेमाल किया, जिनकी निगरानी और ट्रैकिंग करना लगभग असंभव होता है. इस हमले को रूस की सेना और राष्ट्रपति पुतिन के लिए एक बड़ी चेतावनी माना जा रहा है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के अनुसार, इस ऑपरेशन की तैयारी करीब 18 महीनों से चल रही थी. ऑपरेशन में कुल 117 FPV ड्रोन शामिल थे, जिन्हें खासतौर पर रूस की सैन्य सुविधाओं और एयरबेस को निशाना बनाने के लिए तैयार किया गया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हमले में रूस के कम से कम 40 सैन्य विमान नष्ट हो गए, जिससे रूस को भारी नुकसान हुआ.
FPV ड्रोन का पूरा नाम फर्स्ट पर्सन व्यू ड्रोन होता है. इसमें लगे कैमरे के ज़रिए ड्रोन ऑपरेटर ड्रोन की आंखों से सीधे दृश्य देख सकता है. इससे वह रियल टाइम में अपने लक्ष्य को ट्रैक कर सकता है और सटीक हमला कर सकता है. यह तकनीक पारंपरिक ड्रोन की तुलना में ज्यादा असरदार और सटीक मानी जाती है.
FPV ड्रोन की सबसे खास बात इसकी कम लागत है. एक ड्रोन की कीमत मात्र $500 यानी करीब ₹42,000 बताई जा रही है, लेकिन इसका हमला लाखों-करोड़ों के नुकसान का कारण बनता है. इसकी कम रेंज होने के बावजूद यह टारगेट पर एकदम सटीक बैठता है, जिससे इसे ट्रैक करना लगभग नामुमकिन हो जाता है.
रिपोर्ट्स के अनुसार, यूक्रेन अब इन ड्रोन का निर्माण स्वयं कर रहा है. कई निजी कंपनियों की मदद से हर महीने हजारों की संख्या में ड्रोन तैयार किए जा रहे हैं. यूक्रेन का रक्षा मंत्रालय 2025 तक 4.5 मिलियन FPV ड्रोन की खरीद की योजना बना चुका है, जिसके लिए 2.6 बिलियन डॉलर से अधिक का बजट निर्धारित किया गया है.