1 जून 2025 को यूक्रेन ने रूस के सैन्य गौरव को अभूतपूर्व चुनौती दी. यूक्रेनी सेना ने रूस की सीमा में 4000 किलोमीटर तक घुसकर पांच प्रमुख एयरबेस बेलाया, ड्यागिलेवो, इवानोवो, ओलेन्या और अन्य पर हमला किया. यूक्रेन की गुप्तचर एजेंसी SBU के दावे के अनुसार, इस हमले में रूस के 41 लंबी दूरी के बमवर्षक विमान तबाह हो गए. जलते हुए विमानों की तस्वीरें सोशल मीडिया और वैश्विक मीडिया पर छाई हुई हैं जो रूस की सैन्य ताकत को झकझोरने वाली घटना का प्रतीक बन गई हैं. यह हमला न केवल रूस के लिए अपमानजनक है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा करता है कि 25 सालों से सत्ता संभाल रहे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस हिमाकत का जवाब कैसे देंगे?
यूक्रेन का यह हमला तकनीकी और रणनीतिक दृष्टि से असाधारण था. यूक्रेनी ड्रोनों ने रूस के अंदरूनी इलाकों में मौजूद एयरबेस को निशाना बनाया, जहां TU-95, TU-22 और A-50 जैसे बमवर्षक विमान तैनात थे. इन विमानों का इस्तेमाल रूस यूक्रेन के शहरों पर बमबारी के लिए करता रहा है. इस हमले की सफलता के पीछे नाटो (NATO) से मिले हथियारों और खुफिया जानकारी का बड़ा हाथ माना जा रहा है. यूक्रेन ने FPV ड्रोनों का इस्तेमाल किया जिन्हें ट्रकों से छिपाकर लॉन्च किया गया. इस हमले को कुछ विशेषज्ञों ने ‘मॉडर्न पर्ल हार्बर’ करार दिया है, जो रूस की सैन्य कमजोरी को उजागर करता है.
पुतिन की संभावित प्रतिक्रिया
72 वर्षीय व्लादिमीर पुतिन के लिए यह हमला न केवल सैन्य नुकसान है बल्कि रूस की वैश्विक छवि पर गहरा आघात भी है. रूस इस अपमान का जवाब देने के लिए आक्रामक रणनीति अपना सकता है. संभावना है कि रूस क्रूज मिसाइलों और हाइपरसोनिक मिसाइलों, जैसे किंझल (Kinzhal), का उपयोग कर यूक्रेन के प्रमुख ठिकानों पर जवाबी हमला करे. किंझल मिसाइल, जो 12,000 किमी/घंटा की रफ्तार से चलती है दुनिया के किसी भी हवाई रक्षा तंत्र को चकमा दे सकती है. रूस के पास Yars परमाणु मिसाइलें भी हैं जो कई थर्मोन्यूक्लियर वारहेड्स ले जाने में सक्षम हैं. हालांकि, परमाणु हथियारों का उपयोग तत्काल संभावना से बाहर लगता है, क्योंकि यह वैश्विक विनाश को न्योता दे सकता है.
तीसरे विश्व युद्ध का खतरा?
इस हमले ने रूस और पश्चिमी देशों के बीच तनाव को और गहरा कर दिया है. रूस इस हमले को नाटो और अमेरिका के प्रत्यक्ष हस्तक्षेप के रूप में देख सकता है, क्योंकि यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलें और ड्रोन नाटो देशों से ही मिले हैं. रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने पहले ही चेतावनी दी थी कि पश्चिमी हथियारों का उपयोग रूस के खिलाफ तीसरे विश्व युद्ध को ट्रिगर कर सकता है. पुतिन ने भी बार-बार परमाणु हथियारों के उपयोग की धमकी दी है, खासकर यदि रूस के क्षेत्र पर हमला हुआ. हाल ही में रूस ने अपनी परमाणु नीति में बदलाव किया है, जिसमें नाटो समर्थित हमलों को रूस के खिलाफ युद्ध माना जाएगा.
पुतिन के सामने विकल्प
पुतिन के सामने कई विकल्प हैं. पहला, रूस यूक्रेन के सैन्य ठिकानों, ऊर्जा ढांचे और शहरों पर बड़े पैमाने पर ड्रोन और मिसाइल हमले तेज कर सकता है. दूसरा, रूस नाटो देशों पर अप्रत्यक्ष दबाव डालने के लिए साइबर हमले या जासूसी गतिविधियां बढ़ा सकता है. तीसरा, पुतिन शांति वार्ता की आड़ में समय लेते हुए अपनी सैन्य ताकत को पुनर्गठित कर सकते हैं. हालांकि ट्रंप प्रशासन के तहत शुरू हुई शांति वार्ता अब तक नाकाम रही है और यूक्रेन के इस हमले ने इसे और जटिल बना दिया है.