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India Daily

साइबर अटैक ने ठप करा दिया इस देश की संसद का कामकाज, जानें इसके पीछे कौन

Cyber Attack: उत्तरपूर्वी यूरोप के देश अल्बानिया में संसद पर साइबर हमला हुआ है. अल्बानियाई संसद ने बताया कि हैकरों ने उनके डेटा सिस्टम में घुसपैठ करने की कोशिश की.

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Edited By: Shubhank Agnihotri
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हाइलाइट्स

  • ईरान-बेस्ड नेटवर्क से हुआ हमला 
  • राजनयिक संबंधों में की थी कटौती 

Cyber Attack: उत्तरपूर्वी यूरोप के देश अल्बानिया में संसद पर साइबर हमला हुआ है. अल्बानियाई संसद ने बताया कि हैकरों ने उनके डेटा सिस्टम में घुसपैठ करने की कोशिश की. इस वजह से संसद की सेवाओं को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा है.मंगलवार को अल्बानिया  की संसद ने बयान जारी कर बताया कि सोमवार को हुए इस साइबर हमले में हैकर सिस्टम के डेटा तक पहुंचने में असफल रहे हैं. 

ईरान-बेस्ड नेटवर्क से हुआ हमला 

रिपोर्ट के अनुसार, साइबर मामलों के जानकार इस हमले की जांच कर रहे हैं. बयान में कहा गया कि जांच पूरी होने के बाद सिस्टम की सेवाएं फिर से सुचारु रूप से संचालित हो जाएंगी. अल्बानिया की मीडिया के अनुसार, सोमवार को यह साइबर हमला सेलफोन सर्विस प्रोवाइडर और एयर फ्लाइट पर भी हुआ है. जानकारी के मुताबिक, यह हमले ईरान बेस्ड हैकर्स होमलैंड जस्टिस की ओर से किए गए हैं. 

राजनयिक संबंधों में की थी कटौती 

इससे पहले भी अल्बानिया साइबर हमलों का सामना कर चुका है. 2022 में हुए इस हमले का जिम्मेदार ईरानी विदेश मंत्रालय को ठहराया गया था. ऐसा कहा जाता है कि यह हमला ईरान की विपक्षी समूह  मुजाहिदीन-ए-खल्क यानी (MEK) के सदस्यों को सरंक्षण देने के कारण बदला लेने के लिए किया गया था. इसके बाद अल्बानियाई सरकार ने ईरान के साथ अपने राजनयिक संबंधों में कटौती की थी. 

ईरान के निर्वासितों को दी है पनाह 

रिपोर्ट के अनुसार, 2013 से लेकर अब तक 2500 ईरान के निर्वासितों को अल्बानिया ने पनाह दी है. अल्बानिया कानून के मुताबिक, वहां रह रहे ईरानी नागरिक किसी भी राजनीतिक गतिविधि में शामिल नहीं हो सकते हैं. उन्हें अल्बानियाई सरकार के बनाए कानूनों का पालन करना होता है.