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India Daily

नाईजीरिया में बाचामा और चोबो समूहों के बीच विरोध प्रदर्शन, सेना ने 9 महिलाओं को मारी गोली

नाइजीरिया के अदामावा राज्य के लामुर्दे इलाके में विरोध प्रदर्शन के दौरान 9 महिलाओं की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. इस पर नाइजीरियाई सेना का क्या कहना है, चलिए जानते हैं.

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Edited By: Shilpa Srivastava
Nigerain Army India Daily Live
Courtesy: X (Twitter)

नई दिल्ली: सोमवार को नाइजीरिया के उत्तर-पूर्वी हिस्से में अदामावा राज्य के लामुर्दे इलाके में एक विरोध प्रदर्शन हुआ. इस दौरान नाइजीरियाई सेना के सैनिकों ने 9 महिलाओं की गोली मारकर हत्या कर दी. महिलाएं समुदायों के बीच चल रही झड़पों से निपटने के तरीके से नाखुश थीं, जिसके चलते उन्होंने प्रदर्शन किया. 

घटना के चश्मदीदों के अनुसार, महिलाओं ने अपनी चिंताओं की तरफ ध्यान खींचने के लिए एक मुख्य सड़क को ब्लॉक कर दिया था. वे चाहती थीं कि अधिकारी उनके समुदायों में हो रही हिंसा को ज्यादा गंभीरता से लें. जब वो विरोध प्रदर्शन कर रही थीं, तो सैनिक आए और ब्लॉक की गई सड़क से गुजरने की कोशिश की. चश्मदीदों का कहना है कि जब प्रदर्शनकारियों ने उन्हें रोका, तो सैनिकों ने गोली चला दी. मरने वाली 9 महिलाओं के अलावा, लगभग दस अन्य लोग घायल भी हुए.

हत्याओं पर नाइजीरियाई सेना का बयान:

नाइजीरियाई सेना ने कहा है कि हत्याओं से इस बात से इनकार किया कि हत्याओं के लिए उसके सैनिक जिम्मेदार थे. एक बयान में, सेना ने दावा किया कि मौतें पास में गोलीबारी कर रहे एक स्थानीय मिलिशिया ग्रुप के कारण हुईं. उन्होंने यह भी कहा कि उनके सैनिक कहीं और आतंकवादियों से निपट रहे थे. साथ ही यह भी कहा कि दूसरी जगह पर किसी ने ऑटोमैटिक हथियारों का गलत इस्तेमाल किया. सेना के अनुसार, उनके सैनिकों ने प्रदर्शनकारियों पर गोली नहीं चलाई.

एमनेस्टी इंटरनेशनल नाइजीरिया ने सेना के इस बयान से पूरी तरह असहमति जताई. संगठन ने कहा कि चश्मदीदों और पीड़ितों के परिवारों से मिली जानकारी के आधार पर, यह साफ है कि सैनिकों ने ही गोलियां चलाईं जिससे महिलाओं की मौत हुई. एमनेस्टी इंटरनेशनल नाइजीरिया के निदेशक ईसा सानुसी ने कहा कि यह घटना दिखाती है कि नाइजीरियाई सेना का मानवाधिकारों के उल्लंघन का एक लंबा इतिहास रहा है और वह कानून की अनदेखी करना जारी रखे हुए है.

किसके बीच चल रहा था विरोध प्रदर्शन:

यह विरोध प्रदर्शन बाचामा और चोबो समूहों के बीच चल रहा था. यह जातीय झड़पों के कारण लगाए गए कर्फ्यू के दौरान हुआ. ये झड़पें ज्यादातर जमीन विवादों को लेकर होती हैं. एक स्थानीय पार्षद, लॉसन इग्नेशियस ने बताया कि महिलाएं इसलिए विरोध कर रही थीं क्योंकि उनका मानना ​​था कि सुरक्षा बल हिंसा को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रहे हैं.