menu-icon
India Daily

सैलरी स्लिप लाओ और शराब लेकर जाओ... इस इस्लामिक देश में लागू हुआ नया नियम

मध्य-पूर्व के इस्लामिक देश सऊदी अरब ने शराब बिक्री पर दशकों से लगे अपने सख्त प्रतिबंधों में ढील दे दी है. यह कदम विशेष रूप से कुछ चुनिंदा गैर-मुस्लिम विदेशी निवासियों के लिए लागू किया गया है.

auth-image
Edited By: Anuj
Saudi Arabia

नई दिल्ली: मध्य-पूर्व के इस्लामिक देश सऊदी अरब ने शराब बिक्री पर दशकों से लगे अपने सख्त प्रतिबंधों में ढील दे दी है. यह कदम विशेष रूप से कुछ चुनिंदा गैर-मुस्लिम विदेशी निवासियों के लिए लागू किया गया है. अब सऊदी अरब में रहने वाले उच्च आय वाले गैर-मुस्लिम लोग सीमित मात्रा में शराब खरीद सकेंगे.

इस्लामिक देश में नीतिगत बदलाव का संकेत

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, अगर कोई गैर-मुस्लिम है और उसकी मासिक आय लगभग 13,300 डॉलर (करीब 12 लाख रुपये) है, तो वह सऊदी अरब की राजधानी रियाद में स्थित एकमात्र शराब दुकान से बीयर और अन्य शराब खरीद सकता है. यह कदम इस्लामिक देश में नीतिगत बदलाव का संकेत माना जा रहा है. यहां कुरान की शिक्षाओं के अनुसार, अधिकांश मुसलमान शराब से पूरी तरह परहेज करते हैं. सऊदी अरब को इस्लाम के दो सबसे पवित्र शहर मक्का और मदीना के लिए भी जाना जाता है.

महत्वाकांक्षी योजना 'विजन 2030' का हिस्सा

पिछले कुछ सालों में सऊदी अरब ने कई पुराने और सख्त नियमों को बदलने की दिशा में कदम उठाए हैं. इनमें महिलाओं के अधिकार बढ़ाने के लिए बड़े सुधार शामिल हैं, जैसे महिलाओं को ड्राइविंग की आजादी देना और उन्हें अकेले कहीं भी जाने की स्वतंत्रता देना. सऊदी अरब का यह नया फैसला क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की महत्वाकांक्षी योजना 'विजन 2030' का हिस्सा है. इस योजना के तहत सऊदी अरब कच्चे तेल पर अपनी निर्भरता कम करना और अंतरराष्ट्रीय निवेश व व्यापार को आकर्षित करना चाहता है.

सैलरी सर्टिफिकेट दिखाना पड़ेगा

शराब खरीदने के लिए विदेशी निवासियों को दुकान पर अपना सैलरी सर्टिफिकेट दिखाना पड़ेगा, ताकि उनकी आय की पुष्टि हो सके. फिलहाल, सऊदी अरब में औसत मासिक वेतन लगभग 2,750 डॉलर (करीब 2.47 लाख रुपये) है. रियाद के डिप्लोमैटिक क्वार्टर में स्थित सऊदी का यह एकमात्र शराब स्टोर जनवरी 2024 में खोला गया था. पहले यह केवल विदेशी डिप्लोमैट और प्रीमियम रेजीडेंसी धारकों के लिए उपलब्ध था.

1952 में शराब पर लगा था कड़ा प्रतिबंध

इतिहास की बात करें, तो सऊदी अरब ने 1952 में शराब पर कड़ा प्रतिबंध लगाया था. यह कदम उस समय लिया गया था जब राजा अब्दुल अजीज के बेटे ने शराब के नशे में एक ब्रिटिश डिप्लोमैट की हत्या कर दी थी. अब यह नई नीति सऊदी अरब में शराब के मामलों में सबसे बड़ी छूट के रूप में देखी जा रही है.

आधुनिक छवि बनाने की दिशा में कदम

रियाद के स्टोर से शराब खरीदने के लिए डिप्लोमैट्स को पहले मोबाइल ऐप पर स्लॉट बुक करना पड़ता था और विदेश मंत्रालय से मासिक कोटा मिलता था. अब उच्च आय वाले गैर-मुस्लिम भी शराब खरीद पाएंगे. इसके अलावा, जेद्दा और दहमान में भी नई शराब दुकानें खोली जाएंगी. यह कदम सऊदी अरब की पर्यटन बढ़ाने, अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को आकर्षित करने और साल 2034 में होने वाले फीफा फुटबॉल वर्ल्ड कप जैसी अंतरराष्ट्रीय घटनाओं के लिए आधुनिक छवि बनाने की दिशा में उठाया गया है.