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India Daily

भारत के 'दिव्यास्त्र' की जासूसी करने आया था चीनी जहाज, सामने आई चौंकाने वाली रिपोर्ट

China Research Vessel On Agni-5: भारत के दिव्यास्त्र अग्नि-5 की सफलता से दुश्मन देश घबराए हुए हैं. एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि अग्नि-5 के परीक्षण की जासूसी के लिए चीन ने कई दिन पहले ही अपना जासूसी जहाज भेज दिया था.

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Edited By: India Daily Live
Chinese research vessel

China Research Vessel On Agni-5: भारत ने सोमवार को MIRV तकनीक से लैस मिसाइल अग्नि-5 का सफल परीक्षण किया था. इस मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद भारत के दुश्मन देश खास तौर पर घबड़ाए हुए हैं.  यह मिसाइल पाकिस्तान सहित पूरे चीन को निशाना बनाने में सक्षम है. इस दौरान एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है जिसमें कहा गया है कि अग्नि-5 मिसाइल परीक्षण की निगरानी और टेस्टिंग से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां जुटाने के लिए चीन ने पहले से ही एक जासूसी जहाज भेज दिया था.

रिपोर्ट के मुताबिक, मालदीव में डेरा डाले चीनी अनुसंधान जहाज के बाद बीजिंग ने भारतीय मिसाइल परीक्षण पर निगरानी के लिए अन्य जासूसी जहाज भारतीय तटों की ओर रवाना किया था. इसके तहत चीन परीक्षण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां जुटाना चाहता था. समुद्री विश्लेषण सेवा प्रदान करने वाली वेबसाइट मरीन ट्रैफिक की रिपोर्ट के अनुसार,  23 फरवरी को चीनी जासूसी जहाज जियांग यांग होंग 01 किंगादो बंदरगाह से भारतीय तटों की ओर रवाना हुआ था. रविवार को यह जहाज बंगाल की खाड़ी में प्रवेश कर गया था. चीनी जहाज विशाखापत्तनम से लगभग 480 किमी की दूरी पर था जिसे भारत की परमाणु हमले में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल का बेस माना जाता है. 

भारत की सैन्य क्षमताओं की थाह लेने आया!

मिसाइल टेस्ट से पहले अनिवार्य रुप से होने वाले NOTAM यानी नोटिस टू एर मिशन टेस्ट की जानकारी देने के बाद हिंद महासागर में चीन के जासूसी जहाज प्रवेश करने की यह पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी नवंबर 2022 में मिसाइल टेस्टिंग की घोषणा के लिए जारी किए गए नोटम के दौरान चीन का जासूसी जहाज युयान वैंग 06 हिंद महासागर में प्रवेश कर गया था. इसके बाद भारत ने अपने प्रस्तावित मिसाइल टेस्टिंग को रद्द कर दिया था. भारत ने अग्नि-5 की टेस्टिंग के लिए जारी किए गए नोटम के बाद फिर से चीनी जासूसी जहाज हिंद महासागर में भारतीय सैन्य क्षमताओं की थाह लेने घुस आया.

भारत एलीट क्लब में हुआ शामिल

अग्नि-5 मिसाइस MIRV तकनीक से लैस है. इसका पूरा नाम मल्टीपल इंडेपेंडेंटली टारगेटेबल रीएंट्री व्हीकल है.  इस तकनीक की मदद से मिसाइल से एक साथ सैकड़ों किमी में फैले अलग-अलग निशानों पर सटीक निशाना लगाने में सक्षम है. दुनिया में रूस, अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन के बाद भारत छटा ऐसा देश है जिसके पास यह तकनीक है. इस तकनीक की मदद से मिसाइल एक ही बार में कई परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है.