नई दिल्ली: बांग्लादेश में राजनीतिक तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT) द्वारा गैर-मौजूदगी में मौत की सजा सुनाए जाने के बाद, अवामी लीग ने इस फैसले को पूरी तरह गैर-कानूनी बताते हुए व्यापक विरोध की घोषणा की है. पार्टी ने चीफ एडवाइजर मुहम्मद यूनुस के इस्तीफे की मांग करते हुए 30 नवंबर तक देशभर में विरोध, प्रदर्शन और मार्च निकालने की घोषणा की.
अवामी लीग ने X पर जारी एक आधिकारिक बयान में ICT के फैसले को नकारते हुए यूनुस को गैर-कानूनी हड़पने वाला और हत्यारे-फासीवादी कहा. पार्टी नेताओं ने आरोप लगाया कि यूनुस और उनके समर्थक एक तथाकथित अदालत के जरिए शेख हसीना को चुनावों से बाहर करने की साजिश कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि आपने देखा है कि किस तरह एक बनाई हुई कोर्ट ने बंगबंधु की बेटी और अवामी लीग की अध्यक्ष शेख हसीना के खिलाफ यह मजाकिया फैसला सुनाया. जनता ने इस गैर-कानूनी फैसले को पूरी तरह खारिज कर दिया है.
पार्टी ने कहा कि देशभर में जनता का मजबूत समर्थन मिलने के बाद अब वे आंदोलन को जिला और उपजिला स्तर पर ले जाएंगे. बयान में लिखा गया कि जनता की मजबूत आवाज और समर्थन के साथ अवामी लीग 30 नवंबर तक विरोध प्रदर्शनों को जारी रखेगी और इस फैसले को खारिज करने तथा यूनुस के इस्तीफे की मांग को लेकर आंदोलन तेज करेगी.
अवामी लीग ने दावा किया कि मुहम्मद यूनुस आगामी चुनावों से शेख हसीना और अवामी लीग को बाहर करने की योजना पर काम कर रहे हैं. पार्टी ने कहा कि यह नकली ट्रायल उसी साजिश का हिस्सा है. अवामी लीग न केवल ICT के फैसले को खारिज करती है, बल्कि जमीनी स्तर पर भी लोगों और स्टेकहोल्डर्स से संवाद कर रही है ताकि इन देश-विरोधी साजिशों को तोड़ा जा सके. पार्टी ने आगे चेतावनी दी कि शेख हसीना और अवामी लीग को छोड़कर किसी भी बनावटी चुनाव को होने नहीं दिया जाएगा.
इस बीच, मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने भारत को एक औपचारिक पत्र भेजकर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है. ICT द्वारा मौत की सजा सुनाए जाने के बाद यह पहला बड़ा कूटनीतिक कदम है, जिससे दोनों देशों के संबंधों पर भी असर पड़ने की आशंका है.
अवामी लीग के तीखे आरोप, ICT के फैसले की वैधता पर सवाल और यूनुस सरकार की कूटनीतिक कार्रवाई ने बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति को बेहद संवेदनशील बना दिया है. आने वाले दिनों में देशव्यापी आंदोलन और सरकार की प्रतिक्रिया तय करेगी कि यह विवाद किस दिशा में बढ़ेगा.