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ईरानी न्यूक्लियर कार्यक्रम के 'दिल' पर हमला, इजरायल ने नतांज परमाणु केंद्र को किया टारगेट

हमले का सबसे महत्वपूर्ण निशाना ईरान का नतांज परमाणु केंद्र था जिसे ईरान के परमाणु कार्यक्रम का ‘दिल’ माना जाता है. नतांज में हजारों उन्नत सेंट्रीफ्यूज मशीनें हैं जो यूरेनियम संवर्धन के लिए उपयोग होती हैं.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Israel targets Natanz nuclear center
Courtesy: Social Media

इजरायल ने शुक्रवार तड़के ईरान पर अब तक का सबसे बड़ा और सटीक हवाई हमला किया, जिसने मध्य पूर्व में तनाव को चरम पर पहुंचा दिया. इस हमले में इजराइल ने ईरान के परमाणु केंद्रों, सैन्य ठिकानों, बैलिस्टिक मिसाइल भंडारों, वायु रक्षा प्रणालियों और प्रमुख सैन्य कमांडरों को निशाना बनाया. इजराइली सेना की इस कार्रवाई, जिसे ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ नाम दिया गया, ने ईरान के सैन्य और परमाणु ढांचे को गंभीर रूप से प्रभावित किया है.

हमले का सबसे महत्वपूर्ण निशाना ईरान का नतांज परमाणु केंद्र था जिसे ईरान के परमाणु कार्यक्रम का ‘दिल’ माना जाता है. नतांज में हजारों उन्नत सेंट्रीफ्यूज मशीनें हैं जो यूरेनियम संवर्धन के लिए उपयोग होती हैं. इजराइली मीडिया के अनुसार, इजराइली वायुसेना ने नतांज पर कई बार लगातार हमले किए, जिससे वहां भारी तबाही मची. अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने पुष्टि की कि नतांज इस हमले का प्रमुख लक्ष्य था और एजेंसी वहां विकिरण स्तरों की निगरानी कर रही है. ईरान ने हमेशा दावा किया है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है, लेकिन इजराइल और IAEA ने इन दावों पर संदेह जताया है.

IRGC कमांडर और परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या

ईरानी समाचार एजेंसी तस्नीम और तेहरान टाइम्स के अनुसार, इस हमले में इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कमांडर-इन-चीफ मेजर जनरल हुसैन सलामी मारे गए. सलामी, जो 2019 से IRGC के प्रमुख थे, ईरान की बैलिस्टिक मिसाइल रणनीति और क्षेत्रीय प्रभाव के प्रमुख रणनीतिकार थे. इसके अलावा, दो प्रमुख परमाणु वैज्ञानिकों मोहम्मद मेहदी तेहरानची और फेरेयदून अब्बासी की भी मौत हो गई. अब्बासी, जो 2011 से 2013 तक ईरान की परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रमुख थे, पहले भी 2010 में एक हत्या के प्रयास में बच चुके थे. न्यूयॉर्क टाइम्स ने चार अज्ञात ईरानी अधिकारियों के हवाले से बताया कि इजराइल ने तेहरान के आसपास कम से कम छह सैन्य ठिकानों, परचिन सैन्य परिसर और सैन्य कमांडरों के आवासों को निशाना बनाया.

सैन्य ठिकानों और बैलिस्टिक मिसाइल भंडारों पर हमला

इजराइली सेना ने ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल भंडारों और वायु रक्षा प्रणालियों को भी नष्ट करने का दावा किया है. इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक टेलीविजन संबोधन में कहा, हमने ईरान के परमाणु संवर्धन कार्यक्रम, बैलिस्टिक मिसाइल कारखानों और सैन्य क्षमताओं को निशाना बनाया. यह ऑपरेशन तब तक जारी रहेगा, जब तक यह खतरा पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाता. नेतन्याहू ने दावा किया कि ईरान के पास कुछ ही दिनों में 15 परमाणु बम बनाने की सामग्री है जो इजराइल के लिए “अस्तित्व का खतरा” है. ईरानी मीडिया ने बताया कि तेहरान, इस्फहान, और खोरमाबाद जैसे शहरों में सैन्य ठिकानों पर हमले हुए, जिससे नागरिक क्षेत्रों में भी नुकसान हुआ.

ईरान की प्रतिक्रिया और इजराइल में आपातकाल

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामनेई ने हमले की निंदा करते हुए इजरायल को  कड़ा जवाब देने की चेतावनी दी. IRGC ने बयान जारी कर कहा, इजराइल का यह अपराध बिना जवाब नहीं रहेगा. ईरानी वायु रक्षा प्रणालियां सक्रिय हो गईं, और तेहरान के इमाम खुमैनी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उड़ानें निलंबित कर दी गईं. दूसरी ओर, इजराइल ने देशभर में आपातकाल घोषित कर दिया. रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने इसे “पूर्वनियोजित हमला” करार देते हुए नागरिकों से होम फ्रंट कमांड के दिशानिर्देशों का पालन करने को कहा. इजराइल ने अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया और यरुशलम सहित कई शहरों में सायरन बज रहे हैं.