समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बागियों पर तगड़ा रुख अख्तियार कर लिया है. अखिलेश यादव ने साफ कहा है कि समाजवादी पार्टी (SP) छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) में गए लोगों की अब उनकी पार्टी में कोई जगह नहीं है. अखिलेश ने यह भी कहा है कि अगर कोई इन लोगों को वापस लाने की कोशिश करेगा तो उसे भी पार्टी से निकाल दिया जाएगा. आज संसद में हुए विपक्षी पार्टियों के प्रदर्शन में भी अखिलेश यादव शामिल हुए. उन्होंने आंध्र प्रदेश और बिहार को स्पेशल पैकेज दिए जाने और बजट से जुड़े कई अन्य मुद्दों को लेकर भी सवाल उठाए.
दरअसल, साल 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर जीते कई विधायक पाला बदल चुके हैं. राज्यसभा चुनाव के दौरान सपा के सात-आठ विधायकों ने पार्टी से बगावत कर दी थी और बीजेपी समर्थित उम्मीदवार को वोट दिया था. लोकसभा चुनाव में भी सपा के कई ऐसे नेता थे जिन्होंने खुलकर इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों के खिलाफ प्रचार किया था. कुछ विधायकों ने तो बीजेपी की सदस्यता भी ग्रहण कर ली है और अब बाकायदा उसी के लिए काम भी कर रहे हैं.
ऐसे नेताओं को लेकर अब अखिलेश यादव ने कड़ा रुख अपना लिया है. अखिलेश यादव ने कहा है, 'सपा छोड़कर बीजेपी में जाने वालों की अब पार्टी में वापसी नहीं होगी. अगर कोई इन लोगों को वापस पार्टी में शामिल कराने के लिए मेरे पास आया तो मैं उसको भी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दूंगा.' अखिलेश के इन बयानों से यह पता चल रहा है कि बागियों के लिए अब उन्होंने अपनी पार्टी के दरवाजे बंद कर दिए हैं. खासकर उन बागियों से अखिलेश सख्त नाराज हैं जिन्होंने सपा का साथ छोड़ा और बीजेपी के साथ चले गए.
बजट सत्र में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली में मौजूद अखिलेश यादव ने आज किसानों के लिए भी जमकर आवाज उठाई. बजट की आलोचना करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया. अखिलेश के मुताबिक, सरकार किसानों को MSP नहीं दे रही है और वह गठबंधन के साथियों को एमएसपी दे रही है. नीट के मुद्दे पर अखिलेश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद वह इस पर कुछ नहीं कह सकते हैं.