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India Daily

कावेरी इंजन क्या है? ऑपरेशन सिंदूर के बाद क्यों उठी इस प्रोजेक्ट में तेजी की मांग, राफेल से क्या है कनेक्शन

ऑपरेशन सिंदूर के बाद कावेरी इंजन को तेज करने की मांग बढ़ी है. सोशल मीडिया पर #FundKaveriEngine ट्रेंड कर रहा है, जहां लोग सरकार से इस प्रोजेक्ट में निवेश की मांग कर रहे हैं. 

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Why Kaveri engine project in the news after Operation Sindoor what is its connection with Rafale

कावेरी इंजन भारत की एक महत्वाकांक्षी स्वदेशी रक्षा परियोजना है, जिसे 1980 के दशक में शुरू किया गया था. यह DRDO की गैस टरबाइन अनुसंधान प्रतिष्ठान (GTRE) द्वारा विकसित टर्बोफैन इंजन है, जिसका उद्देश्य हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस के लिए स्वदेशी इंजन तैयार करना था. हाल के दिनों में यह परियोजना फिर से सुर्खियों में है, विशेष रूप से राफेल विमानों के संदर्भ में. आइए, इसके इतिहास और राफेल से संबंध को समझें...

कावेरी इंजन का उद्देश्य 

1989 में शुरू हुई कावेरी इंजन परियोजना का लक्ष्य 81-83 किलो-न्यूटन (kN) थ्रस्ट वाला टर्बोफैन इंजन विकसित करना था, जो भारत को विदेशी इंजनों पर निर्भरता से मुक्त कर सके. डीआरडीओ के एक अधिकारी ने कहा, “इस परियोजना का मकसद भारत को रक्षा प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भर बनाना था.” हालांकि, 1998 के पोखरण परमाणु परीक्षणों के बाद पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों, सिंगल-क्रिस्टल ब्लेड जैसी सामग्रियों की कमी और तकनीकी चुनौतियों ने प्रोजेक्ट को प्रभावित किया. 2008 में इसे तेजस प्रोग्राम से अलग कर दिया गया, लेकिन अब इसे घातक स्टील्थ यूएवी जैसे मानव रहित विमानों के लिए विकसित किया जा रहा है.

राफेल से संबंध
राफेल, फ्रांस का डबल-इंजन मल्टीरोल लड़ाकू विमान, भारतीय वायुसेना का हिस्सा है. भारत ने राफेल के ‘सोर्स कोड’ की मांग की थी ताकि स्वदेशी हथियारों को इसमें एकीकृत किया जा सके, लेकिन फ्रांस ने इनकार कर दिया. फ्रांस के रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने कहा था, “हम मेक इन इंडिया नीति का समर्थन करेंगे, लेकिन सोर्स कोड साझा करना संभव नहीं है.” फ्रांस की कंपनी सैफरान ने 2019 में भारत में राफेल के स्वदेशी इंजन बनाने का प्रस्ताव दिया, जिसमें कावेरी इंजन की तकनीक का उपयोग हो सकता है.

कावेरी इंजन को तेज करने की मांग बढ़ी
ऑपरेशन सिंदूर के बाद कावेरी इंजन को तेज करने की मांग बढ़ी है. सोशल मीडिया पर #FundKaveriEngine ट्रेंड कर रहा है, जहां लोग सरकार से इस प्रोजेक्ट में निवेश की मांग कर रहे हैं. एक रक्षा विशेषज्ञ ने कहा, “कावेरी इंजन भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता का प्रतीक है.”