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कौन हैं भविष्य के चीफ जस्टिस जो तय करेंगे अरविंद केजरीवाल की किस्मत?

Arvind Kejriwal Supreme Court: अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में फैसला हो जाएगा कि वह जेल में रहेंगे या जमानत पर बाहर आएंगे.

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Arvind Kejriwal
Courtesy: Social Media

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके समर्थकों को आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है. सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद की जमानत को लेकर कहा था कि उन्हें अंतरिम जमानत दी भी जा सकती है लेकिन वह मुख्यमंत्री के रूप में अपना काम नहीं कर पाएंगे. आम आदमी पार्टी (AAP) के मुखिया और उनकी पार्टी की सारी उम्मीदें भी सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हुई हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) लगातार केजरीवाल की जमानत का विरोध कर रही है. वहीं, AAP का तर्क है कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कुछ भी अब तक न तो साबित हुई है और न ही ऐसे कोई सबूत मिले हैं.

दिल्ली की आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार हुए अरविंद केजरीवाल का केस सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना की अदालत में चल रहा है. संजीव खन्ना के बारे में और खास बात है कि वह फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे सीनियर जज हैं. यानी जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के बाद वही भारत के चीफ जस्टिस बनने वाले हैं. ऐसे में अरविंद केजरीवाल की किस्मत अब उन्हीं के हाथों में है. इस बात का फैसला अब उन्हीं पर टिका है कि अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर आकर AAP के लिए प्रचार करेंगे या फिर जेल में बंद रहेंगे.

कौन करेगा फैसला?

दिल्ली के CM केजरीवाल की जमानत याचिका पर जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दिपांकर दत्ता की बेंच आज फैसला करेगी. ईडी ने अरविंद केजरीवाल की जमानत का सख्त विरोध किया है. वहीं, केजरीवाल ने चुनवा प्रचार के लिए जमानत मांगी है. ईडी का कहना है कि चुनाव प्रचार करना न तो मूल अधिकार है और न ही संवैधानिक या कानूनी अधिकार है. ऐसे में अब जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दत्ता तय करेंगे कि केजरीवाल को जमानत मिलनी चाहिए या नहीं.

इसी केस में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस भट्टी की बेंच ने पिछले साल 30 अक्टूबर को मनीष सिसोदिया को जमानत नहीं दी थी. फिर इसी बेंच ने इसी केस में दिसंबर 2023 में बिनॉय बाबू को जमानत दे दी थी. इसी केस में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना, एम एम सुंदरेश और बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने के कविता को जमानत देने से इनकार कर दिया था. हालांकि, संजय सिंह को इसी केस में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी थी. भले ही इस केस में कई बेंच ने सुनवाई की हो लेकिन जस्टिस संजीव खन्ना हर बेंच में शामिल रहे हैं.

कौन हैं जस्टिस संजीव खन्ना?

इस केस के लिहाज से देखा जाए तो जस्टिस संजीव खन्ना ही इकलौते ऐसे जज हैं जो हर आरोपी की जमानत याचिका की सुनवाई में शामिल रहे हैं. इनमें से कुछ आरोपियों को जमानत भी दी गई है तो कुछ ऐसे भी रहे हैं जिनकी जमानत याचिका खारिज हो गई है. वरिष्ठता के हिसाब से जस्टिस संजीव खन्ना नवंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बनने वाले हैं. जनवरी 2019 में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के रूप में प्रमोट हुए संजीव खन्ना 13 मई 2025 को रिटायर हो जाएंगे.

1983 में दिल्ली से अपनी वकालत शुरू करने वाले संजीव खन्ना ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस लॉ सेंटर से कानून की पढ़ाई की है. वह दिल्ली सरकार के सरकारी वकील भी रहे हैं. इसके अलावा, वह इनकम टैक्स विभाग के वरिष्ठ स्थायी वकील भी रह चुके हैं. साल 2004 में वह दिल्ली हाई कोर्ट में नागरिक कानून मामलों के लिए दिल्ली के स्थायी वकील नियुक्त किए गए थे. 2005 में वह दिल्ली हाई कोर्ट के अडिशनल जज और फिर 2006 में स्थायी जज का पद मिला. 

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