Population census: भारत में लंबे समय से अटकी हुई जनगणना को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है. सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार सितंबर 2024 में जनगणना शुरू कर सकती है. अगर यह सही होता है तो इस सर्वे को पूरा होने में लगभग डेढ़ साल का समय लगेगा. अगर न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की यह रिपोर्ट सही होती है तो इस सर्वे को पूरा होने में लगभग डेढ़ साल का समय लगेगा और नतीजे मार्च 2026 तक आने की उम्मीद है.
जनगणना एक ऐसा सर्वे होता है जिसमें देश की पूरी आबादी के बारे में डेटा जुटाया जाता है. इसमें उम्र, लिंग, शिक्षा, धर्म, व्यवसाय जैसी कई तरह की जानकारी शामिल होती है. यह डेटा सरकार को नीतियां बनाने में मदद करता है. जैसे कि स्कूलों की संख्या बढ़ाना, अस्पतालों की सुविधाएं बढ़ाना, या फिर रोजगार के अवसर पैदा करना.
जनगणना में देरी होने की कई वजहें बताई जाती हैं. इसमें कोविड-19 महामारी भी एक बड़ी वजह है. महामारी के कारण देश में लॉकडाउन लगा था जिससे सर्वे करना मुश्किल हो गया था. इसके अलावा, कुछ तकनीकी कारण भी बताए जाते हैं.
अर्थशास्त्री मानते हैं कि जनगणना में देरी होने से अन्य आर्थिक सर्वेक्षणों की गुणवत्ता पर भी असर पड़ता है. जैसे कि महंगाई, बेरोजगारी आदि. क्योंकि ये सभी सर्वेक्षण जनगणना के डेटा पर ही आधारित होते हैं.
अभी तक जनगणना शुरू करने की अंतिम मंजूरी प्रधानमंत्री कार्यालय से नहीं मिली है. लेकिन सरकार के सूत्रों का मानना है कि जल्द ही इस पर फैसला लिया जाएगा. भारत की जनगणना एक महत्वपूर्ण सर्वे है जो देश की विकास योजनाओं को आकार देने में मदद करता है. उम्मीद है कि सितंबर से शुरू होने वाली जनगणना से हमें देश की आबादी के बारे में ताजा आंकड़े मिलेंगे.