India Pakistan Tension: पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव और हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत सरकार ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर की सुरक्षा और कड़ी कर दी है. गृह मंत्रालय ने उनकी मौजूदा Z कैटेगरी की सुरक्षा को और मजबूत करते हुए एक विशेष बुलेटप्रूफ कार भी सुरक्षा दस्ते में शामिल की है. दिल्ली स्थित उनके निवास के आसपास सुरक्षा घेरा और सख्त कर दिया गया है.
क्या होती है Z कैटेगरी की सुरक्षा?
बता दें कि Z कैटेगरी की सुरक्षा देश की तीसरी सबसे ऊंची वीआईपी सुरक्षा मानी जाती है, जिसमें करीब 22 से 33 सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं. इनमें CRPF और NSG के प्रशिक्षित कमांडो, पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (PSO), सर्विलांस टीम और स्टैटिक आर्म्ड गार्ड शामिल होते हैं. इसके अलावा एस्कॉर्ट गाड़ियां और इंटेलिजेंस बैकअप भी इस सुरक्षा का हिस्सा होते हैं. यह सुरक्षा सिर्फ उन्हीं लोगों को दी जाती है, जिन्हें जान का गंभीर खतरा हो.
जयशंकर पहले से थे Z-सिक्योरिटी में शामिल
वहीं अक्टूबर 2023 में खुफिया ब्यूरो (IB) की एक रिपोर्ट के बाद जयशंकर की Y कैटेगरी सुरक्षा को अपग्रेड कर Z कैटेगरी कर दिया गया था. तब से उनकी सुरक्षा में तीन शिफ्टों में 12 हथियारबंद कमांडो, छह PSO और तीन ड्राइवर तैनात हैं. अब ऑपरेशन सिंदूर के बाद उनकी सुरक्षा और अधिक हाईटेक हो गई है.
किन्हें मिलती है Z कैटेगरी सुरक्षा?
बताते चले कि Z श्रेणी की सुरक्षा उन प्रमुख व्यक्तियों को दी जाती है जो केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के जज, विपक्ष के बड़े नेता या किसी उच्च पद पर हों और जिन पर जान का जोखिम हो. कभी-कभी यह सुरक्षा किसी बड़ी हस्ती को भी दी जाती है, लेकिन निजी स्तर पर इसका खर्च उन्हें खुद उठाना पड़ता है.
Z सुरक्षा बनाम अन्य सुरक्षा श्रेणियां
भारत में कुल छह प्रमुख सुरक्षा श्रेणियां होती हैं - SPG, Z+, Z, Y+, Y और X.
भारत में सुरक्षा मिलती है खतरे के स्तर पर आधारित
इसके अलावा, गृह मंत्रालय समय-समय पर खतरे का मूल्यांकन करके इन श्रेणियों में बदलाव करता रहता है. जैसे ही खतरा बढ़ता है, सुरक्षा बढ़ाई जाती है और खतरा घटने पर कम कर दी जाती है.