India Pakistan Tension: हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्षविराम के कुछ दिन बाद ही हालात फिर से बिगड़ते नजर आए. 7 मई को भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पीओके में हवाई हमले किए. इस हमले में कई पर्यटक मारे गए थे. पाकिस्तान ने इसमें अपनी किसी भी संलिप्तता से साफ इनकार कर दिया है. इसके बाद अगले चार दिनों तक दोनों देशों के बीच जबरदस्त गोलीबारी और एयर फाइटिंग की खबरें आती रहीं, जो अचानक शनिवार को थमीं.
सीजफायर के बावजूद जमीनी हकीकत कुछ और
भले ही सीमाओं पर गोलीबारी थमी हो, लेकिन भारत-पाक के रिश्तों में तनाव अभी भी बरकरार है. भारत ने पहलगाम हमले के बाद कई कड़े कदम उठाए, जैसे सिंधु जल संधि का निलंबन, वीजा पर रोक, अटारी-वाघा बॉर्डर बंद करना, हवाई क्षेत्र सील करना और व्यापारिक संबंधों को खत्म करना.
1. सिंधु जल संधि पर भारत का सख्त रुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ''आतंक और बातचीत साथ नहीं चल सकते. पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते.'' 1960 की इस संधि के तहत भारत-पाक के बीच 6 नदियों का जल बंटवारा होता था. भारत के इस फैसले ने पाकिस्तान को गहरी चिंता में डाल दिया है क्योंकि उसकी कृषि और नागरिक जल आपूर्ति का बड़ा हिस्सा इन नदियों पर टिका है.
2. वीजा रोक और राजनयिकों की वापसी
भारत ने पाकिस्तानी रक्षा अधिकारियों को देश छोड़ने को कहा और अपने अधिकारी भी वापस बुला लिए. दोनों देशों ने एक-दूसरे के नागरिकों के लिए वीजा लगभग पूरी तरह रोक दिए हैं.
3. अटारी-वाघा सीमा बंद
सीधी आवाजाही रोकने के लिए भारत ने अटारी सीमा बंद की, जिसके बाद पाकिस्तान ने भी वाघा बॉर्डर को बंद कर दिया. शुरुआत में एक हफ्ते की छूट दी गई, लेकिन अब यह अनिश्चितकालीन हो गया है.
4. एयरस्पेस पूरी तरह सील
पाकिस्तान ने अपने हवाई क्षेत्र को भारतीय उड़ानों के लिए बंद कर दिया, जिसका जवाब भारत ने भी दिया. इससे न सिर्फ यात्रा महंगी हो गई, बल्कि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और बिगड़ गई है.
5. व्यापार पर पूरी तरह रोक
सीधे और परोक्ष रूप से भारत और पाकिस्तान के बीच सारा व्यापार ठप हो गया है. भारत पर इसका असर मामूली है, लेकिन पाकिस्तान की पहले से डगमगाती अर्थव्यवस्था को यह कदम और कमजोर कर रहा है.
तनाव का अंत जल्द नहीं
सीजफायर ने लड़ाई को रोक तो दिया, लेकिन रिश्तों में जमी बर्फ अभी पिघलती नजर नहीं आ रही. भारत का रुख साफ है, जब तक पाकिस्तान आतंकवाद पर लगाम नहीं लगाता, कोई बातचीत नहीं होगी.