Operation Sindoor: जकार्ता में आयोजित एक सेमिनार में भारत के रक्षा अधिकारी कैप्टन शिव कुमार ने हाल ही में भारत-पाकिस्तान सैन्य टकराव के पहले दिन की घटनाओं पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारत को कुछ लड़ाकू विमान गंवाने पड़े. इसका कारण सरकार द्वारा लगाए गए प्रारंभिक प्रतिबंध थे, जिसमें केवल आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाने का आदेश था. कैप्टन शिव कुमार ने कहा, "मैं उनसे सहमत नहीं हो सकता कि भारत ने इतने सारे विमान खो दिए. लेकिन मैं इस बात से सहमत हूं कि हमने कुछ विमान खो दिए और ऐसा केवल राजनीतिक नेतृत्व द्वारा सैन्य प्रतिष्ठानों और उनकी हवाई सुरक्षा पर हमला न करने के लिए दिए गए प्रतिबंध के कारण हुआ."
कैप्टन कुमार ने बताया कि शुरुआती नुकसान के बाद भारत ने अपनी रणनीति में बदलाव किया. उन्होंने कहा, "हमने अपनी रणनीति बदली और उनके सैन्य ठिकानों पर हमला किया. हमने सबसे पहले दुश्मन की हवाई सुरक्षा को दबाया और दुश्मन की हवाई सुरक्षा को नष्ट किया (SEAD और DEAD)." इस रणनीति के परिणामस्वरूप 8, 9 और 10 मई को भारत ने पूर्ण हवाई श्रेष्ठता हासिल की. इस दौरान सतह से हवा और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों का उपयोग कर सटीक हमले किए गए.
इंडोनेशियाई विशेषज्ञ के दावे
इंडोनेशिया सेंटर फॉर एयर पावर स्टडीज के उपाध्यक्ष टॉमी टैमटोमो ने दावा किया कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तीन राफेल, एक मिग-29, एक सुखोई-30, एक ड्रोन और दो एस-400 लांचर खो दिए. उन्होंने कहा, "भारत ने बहुत कुछ खोया है, लेकिन पाकिस्तान ने भी बहुत कुछ खोया है. शायद भारत से भी ज्यादा." टैमटोमो ने बताया कि पाकिस्तान को छह लड़ाकू विमान, दो AWACS और एक सैन्य परिवहन विमान का नुकसान हुआ.
भारतीय दूतावास का स्पष्टीकरण
जकार्ता स्थित भारतीय दूतावास ने बयान जारी कर कहा कि कैप्टन कुमार के बयान को "संदर्भ से हटकर" उद्धृत किया गया. दूतावास ने स्पष्ट किया, "मीडिया रिपोर्ट्स वक्ता द्वारा दिए गए प्रेजेंटेशन के उद्देश्य और जोर का गलत प्रतिनिधित्व करती हैं. प्रेजेंटेशन में बताया गया कि भारतीय सशस्त्र बल नागरिक राजनीतिक नेतृत्व के तहत काम करते हैं और ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाना था."
सियासी सवाल और सरकारी चुप्पी
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने सरकार से सवाल किया कि 'ऑपरेशन सिंदूर' पर संसद का विशेष सत्र क्यों नहीं बुलाया गया. उन्होंने कहा, "पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ सिंगापुर में महत्वपूर्ण खुलासे करते हैं. फिर इंडोनेशिया से एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी इस पर प्रतिक्रिया देते हैं. लेकिन प्रधानमंत्री सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करने और विपक्ष को विश्वास में लेने से क्यों इनकार कर रहे हैं?" रक्षा मंत्रालय ने इस पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.