Supreme Court order on stray dog: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों की बढ़ती समस्या पर कड़ा रुख अपनाते हुए एक ऐतिहासिक आदेश जारी किया है. कोर्ट ने निर्देश दिया है कि सभी आवारा कुत्तों को रिहायशी इलाकों से तत्काल हटाकर दूर-दराज के क्षेत्रों में ट्रांसफर किया जाए. साथ ही, इस काम में बाधा डालने वाले संगठनों या व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है. यह आदेश रेबीज और कुत्तों के काटने से होने वाली मौतों की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर आया है.
न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने एक समाचार रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मामले की सुनवाई की. कोर्ट ने साफ़ किया कि वह केवल केंद्र सरकार की दलीलों पर विचार करेगा और पशु प्रेमियों या अन्य पक्षों की याचिकाओं को नहीं सुनेगा. न्यायमूर्ति पारदीवाला ने कहा, "हम यह अपने लिए नहीं, बल्कि जनहित के लिए कर रहे हैं. इसलिए, किसी भी तरह की भावनाओं को आड़े नहीं आना चाहिए. जल्द से जल्द कार्रवाई की जानी चाहिए." उन्होंने न्यायमित्र गौरव अग्रवाल को निर्देश दिया, "सभी इलाकों से कुत्तों को उठाकर दूर-दराज के इलाकों में भेज दिया जाए. फिलहाल, नियमों को भूल जाइए."
Suo motu case over dog bites in Delhi: SC says if any person or organisation comes in way of picking up of stray dogs, action will be taken
— Press Trust of India (@PTI_News) August 11, 2025
पशु कार्यकर्ताओं पर कोर्ट का सख्त रुख
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली में आवारा कुत्तों को ट्रांसफर करने के लिए एक स्थान चिह्नित किया गया था, लेकिन पशु अधिकार कार्यकर्ताओं के स्थगन आदेश के कारण योजना रुक गई. इस पर पीठ ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, "ये सभी पशु कार्यकर्ता, क्या वे रेबीज के शिकार हुए लोगों को वापस ला पाएंगे? हमें सड़कों को आवारा कुत्तों से पूरी तरह मुक्त करना होगा." कोर्ट ने यह भी साफ़ किया कि आवारा कुत्तों को गोद लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
नगर निगम को आश्रय स्थल बनाने का आदेश
दिल्ली-एनसीआर के नगर निगमों, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी, नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम शामिल हैं, को तत्काल कुत्तों के लिए आश्रय स्थल बनाने का निर्देश दिया गया है. इन आश्रय स्थलों में प्रशिक्षित पेशेवरों द्वारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण सुनिश्चित किया जाएगा. कोर्ट ने आदेश दिया कि इन स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं ताकि कुत्तों के भागने की कोई संभावना न रहे. कोर्ट ने नगर निगमों को कुत्तों के काटने की शिकायतों के लिए एक समर्पित हेल्पलाइन शुरू करने का भी निर्देश दिया. "सभी इलाकों से सभी आवारा कुत्तों को इकट्ठा करें, चाहे वे नसबंदी किए गए हों या नहीं," कोर्ट ने सख्ती से कहा.
बच्चों की सुरक्षा सबसे पहले: सॉलिसिटर जनरल
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा, "हम कुछ कुत्ते प्रेमियों के कारण अपने बच्चों की बलि नहीं दे सकते." कोर्ट ने नगर निगमों को इस काम के लिए एक समर्पित बल गठित करने की छूट दी और चेतावनी दी कि इसमें बाधा डालने वालों के खिलाफ अवमानना का मुकदमा चलाया जाएगा.
रेबीज टीकों की उपलब्धता पर चिंता
कोर्ट ने रेबीज के टीकों की उपलब्धता को एक गंभीर मुद्दा बताया. कोर्ट ने आदेश में कहा, ''संबंधित अधिकारियों, विशेष रूप से दिल्ली सरकार को निर्देश दिया जाता है कि वे ऐसे टीकों की उपलब्धता, उनके स्टॉक और इलाज के लिए आने वाले लोगों की संख्या के बारे में मासिक आधार पर विस्तृत जानकारी दें"