केरल के वायनाड में हुए भीषण तबाही में पूरा गांव बह गया है. विनाशकारी भूस्खलन के 48 घंटे के बाद मुंदक्कई गांव, वीरान हो गया है. वहां लोगों की लाशें दबी हैं और दर्जनों लोगों की कब्रगाह का गांव बन गया है. कई लोग भूस्खलन में फंसकर जान गंवा चुके हैं, कई लोग लापता हैं और जमीन के इतने अंदर दबे पड़े हैं, जहां से उनका निकलना अब असंभव है. रेस्क्यू टीमें, 24 घंटे काम कर रही हैं लेकिन लाशें पूरी तरह से नहीं निकाली जा सकी हैं.
इस रेसक्यू ऑपरेशन की निगरानी, राज्य सरकार कर रही है. कंट्रोल रूम 24 घंटे एक्टिव मोड में है. बुधवार शाम तक भूस्खलन में 256 लोग जान गंवा चुके हैं, 170 लोग लापता हैं. केंद्रीय और राज्य की बचाव एंजेसियां मिलकर स्थानीय लोगों की मदद से रेस्क्यू और बचाव अभियान चला रही हैं. केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने का दावा है कि भूस्खलन की चपेट में आने के बाद से 1,592 लोगों को बचाया गया है.
पश्चिमी घाट के पास बसे मुंदक्कई गांव अब उजड़ी जगह है, जिसे जिंदा कब्रिस्तान भी कह सते हैं. यहां रेस्क्यू भी बचावकर्मियों के लिए बेहद मुश्किल रहा. ये गांव, केरल के कुछ सबसे खूबसूरत गांवों में से एक था. यहां रिसॉर्ट्स, पर्यटकों के लिए होम स्टे, काफी बागानों से भरा-पूरा गांव था. ये गांव, अब मिट्टी में मिल चुका है. यह गांव मेप्पाडी पंचायत का हिस्सा था. अंदर से बाहर तक सब तबाह हो चुका है.
पानी के तेज बहाव, भूस्खलन और मलबे में सब खत्म हो गया. यहां कभी सैकड़ों घर थे, मस्जिद, डाकघर और कई इमारतें थीं, जिनके अब नामो-निशां नहीं हैं. त्रासदी के बाद एक लंबे वक्त तक इरुवाझांजी नदी पर बना पुल बह जाने की वजह से गांव से 2 किलोमीटर दूस चूरलमाला जंक्शन से संपर्क कटा रहा.
#WayanadLandslides#IndianArmy in close coordination with #NDRF, #IAF, #CoastGuard, #IndianNavy, #Kerala State Rescue Teams & Civil Administration, continues the #RescueOperations in calamity-hit #Wayanad & #Meppadi.
— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) July 31, 2024
-More than 1,000 affected individuals have been rescued so… pic.twitter.com/2pj0s8hjEf
मंगलवार को यहां 30 सदस्यीस NDRF की टीम पहुंची. स्कूबा डाइविंग के 55 सदस्य पहुंचे. सेना और एनडीआरएफ के जवान किसी तरह से यहां पहुंचे. बुधवार को सेना ने 10 शव निकाला. जवान रस्सी लेकर त्रासदी वाली जगह पहुंचे. मुंदक्कई गांव को बचाने के लिए लोगों ने जी-जान झोंक दी.
स्थानीय लोगों का कहना है कि गांव की आबादी करीब 1,200 थी. बड़ी संख्या में लोगों को बचाया जा सका है लेकिन कई लोग मारे गए हैं. मुंदक्कई में कुल 540 घर थे जिनमें काफी स्टेट के कर्मचारी भी रहे थे. उनमें से 50 से कम भी बचे हैं. अभी कई लोग लापता हैं जिनका पता नहीं चल सकता है. कई शव बह गए हैं. पंचायत की आशा कार्यकर्ता अब बचे हुए लोगों से उनके परिवार के बारे में जानकारी हासिल करेंगी.
#WayanadLandslides https://t.co/5o0vqv6hbK
— NDRF 🇮🇳 (@NDRFHQ) July 31, 2024
बुधवार को बचाव टीम इरुवांझी नदी के पार मुंदक्कई तक अर्थ मूवर लेकर पहुंची है. नदी में मशीन उतारी गई है और बड़े-बड़े पत्थर हटाए जा रहे हैं. बुधवार को भारी बारिश की वजह से नदी पर बनाया गया एक अस्थायी पुल भी बह गया है. बचावकर्मी खुद इसमें फंस गए थे. शाम 6 बजे किसी तरह रस्सियों के सहारे जवान बचकर बाहर निकले.
#NDRF Teams are on the Ground in Wayanad, continuing search and Rescue operations after the landslide. Efforts to save lives and Provide aid are Ongoing. #Wayanad #NDRF #RescueOps pic.twitter.com/JokoronrFF
— 04 Bn NDRF ARAKKONAM🇮🇳 (@04NDRF) July 31, 2024
सेना के मद्रास इंजीनियर ग्रुप की एक टीम गुरुवार शाम तक बेली ब्रिज बनाने की तैयारी कर रही है, जिससे बचाव कर्मी अपना काम कर सकें. लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाई जा सके. यह ब्रिज करीब 190 फीट ऊंचा होगा. दिल्ली से बड़ी संख्या में मशीनें भेजी गई हैं. कन्नूर एयरपोर्ट से 17 ट्रक इन्हें लेकर वायनाड पहुंच रहे हैं. इस तबाही में सब साफ हो चुका है.