आदित्य कुमार/नोएडा: दिल्ली-एनसीआर में लगातार सालों से घर बनाए जा रहे हैं. यहां सालों से कंस्ट्रक्शन का काम जारी है. कभी मेट्रो निर्माण तो कभी घर बनाने के लिए देश के अलग अलग जगहों से मजदूर आते है. उनके साथ उनका परिवार भी होता है. बिल्डर या ठेकेदार उनको घर तो दे देते हैं लेकिन उनके बच्चों की शिक्षा का प्रबंध नहीं करते. इसी समस्या को एक नौजवान सुलझाने की कोशिश कर रहा है. आइए आपको मिलवाते हैं उस नौजवान से जिसने मजदूरों के बच्चों को शिक्षित करने के लिए एक अनोखा तरीखा ढूंढ निकाला है.
शिक्षा-रिक्शा से मुफ्त पढ़ाई करते हैं बच्चे
मूलत: बिहार के मधुबनी के रहने वाले विकास झा नोएडा में रहते हैं. विकास की पढ़ाई लिखाई नोएडा से हुई है. विकास कंस्ट्रक्शन साइट पर काम कर रहे मजदूरों के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए शिक्षा रिक्शा शुरू किया है. विकास बताते हैं कि मेरी पढ़ाई लिखाई नोएडा में ही हुई, जब से यहां हूं तबसे निर्माण कार्य लगातार चल रहे है. मजदूर काम करने आते हैं, उनके बच्चे भी होते हैं लेकिन उनकी पढ़ाई नहीं हो पाती. एक जगह काम पूरा होता है तो वो दूसरे जगह चले जाते हैं, ये सिलसिला लगातार चलता हीं रहता है. विकास बताते हैं कि मजदूरों के बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाते इसको ध्यान में रखते हुए हमने शिक्षा रिक्शा शूरू किया है.
कंस्ट्रक्शन साइट पर जाकर बच्चों को पढ़ाएगा शिक्षा रिक्शा
पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर विकास बताते हैं कि उन बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए हमने अपने दोस्तों की मदद से ई-रिक्शा खरिदा है. उसी का नाम हमने शिक्षा रिक्शा रखा है. शिक्षा रिक्शा के तहत नोएडा के जितने भी कंस्ट्रक्शन साइट है सब जगह पर ई-रिक्शा जाएगी और वहां रह रहे बच्चों को पढ़ाएगा. उस रिक्शे में शिक्षक भी रहेंगे. विकास बताते हैं कि यह पूरी तरह से मुफ्त होगा. शिक्षा रिक्शा तीन तीन घंटो की शिफ्ट में बच्चों को पढ़ाएगा. सुबह के नौ बजे से शाम के छ: बजे तक रिक्शा शहर में घुमेगी.
जॉब से रिटायर्ड लोग बच्चों को पढ़ाएंगे
विकास बताते है कि शिक्षा रिक्शा में शिफ्ट के अनुसार पढ़ाया जाएगा. बच्चों के लिए स्टेशनरी, बच्चों के बैठने के लिए दरी सब मौजूद रहेगा. इसमें जो भी शिक्षक पढ़ाएंगे वो सब अपने जॉब से रिटायर्ड हो चुके हैं और समाज के लिए कुछ करना चाहते हैं. हमारे संपर्क में ऐसे लोग है जो बच्चों को फ्रि में पढ़ाएंगे.