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Farmer Protest 2024: रात 1.30 बजे तक बातचीत में कुछ बातों पर सहमति, लेकिन नहीं सुलझा MSP पर पेंच, रविवार को चौथे राउंड की बैठक

Farmer Protest 2024: केंद्र और किसान नेताओं के बीच अब तक तीन दौर की बातचीत हो चुकी है. चौथे दौर की बातचीत अब रविवार को प्रस्तावित है. पहले और दूसरे दौर की बातचीत बेनतीजा रही थी.

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Farmer Protest 2024

Farmer Protest 2024: किसानों और केंद्र सरकार के मंत्रियों के बीच तीसरे दौर की बातचीत गुरुवार देर रात डेढ़ बजे तक चली बातचीत भी बेनतीजा रही. हालांकि किसानों के साथ बातचीत के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि बातचीत बहुत सकारात्मक रही और हमलोगों ने रविवार शाम को फिर से मिलने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि किसान यूनियन के नेताओं ने एमएसपी, स्वामीनाथन रिपोर्ट पर चर्चा की अपील की.

बैठक में मौजूद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि वे राज्य के लिए शांति स्थापित करना जारी रखेंगे, क्योंकि वे युवाओं को आंसू गैस के गोले का सामना करते नहीं देखना चाहते. मान ने कहा कि किसानों की सभी मांगों पर सकारात्मक माहौल में चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि चूंकि पंजाब का किसान सबसे अधिक प्रभावित है, इसलिए मैं राज्य के प्रमुख के रूप में आगे आया. सभी मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई.

मान बोले- एग्जाम देने वाले छात्रों पर भी पड़ रहा प्रभाव, उनकी क्या गलती है?

उन्होंने कहा कि मैंने तीन जिलों में इंटरनेट सस्पेंड और परीक्षा देने वाले छात्रों पर इसके प्रभाव का मुद्दा उठाया. उनकी गलती क्या है? किसानों ने उन पर दागे गए गोले दिखाए. हमने कहा कि किसानों के साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि वे केंद्र को तीन बार चर्चा की मेज पर ला चुके हैं और इस मुद्दे के समाधान के लिए प्रतिबद्ध हैं. केंद्र से हरियाणा सरकार को संयम बरतने के लिए कहने का आश्वासन मिला. उन्होंने कहा कि हमने उनसे कहा है कि वे हरियाणा सरकार से कहें कि हमारे अधिकार क्षेत्र में आंसू गैस के गोले न दागें.

सीएम ने कहा कि उनकी ओर से, किसान नेताओं ने शांति बनाए रखने के लिए पिछले दिन एक अपील जारी की थी और उन्होंने इसका पालन किया है. मान ने कहा कि मैं अपने युवाओं को आंसू गैस के गोले और गोलियों का शिकार नहीं बनाना चाहता. मैं पंजाब और पंजाबियों के साथ हूं. राज्य के संरक्षक के रूप में, मुझे 3 करोड़ लोगों का कल्याण देखना है. हम ऐसी स्थिति नहीं चाहते जहां हमें ईंधन और अन्य सामान की कमी का सामना करना पड़े. आंदोलन शांति के साथ जारी रहेगा.

किसान नेताओं ने क्या कहा?

वहीं, किसान मजदूर मोर्चा के समन्वयक सरवन सिंह पंढेर ने बातचीत के मूड को संक्षेप में बताया और कहा कि अगर बैठक के दौरान की गई प्रतिबद्धताओं को कार्रवाई में तब्दील किया जाता है, तो यह किसान के लिए बेहद फायदेमंद होगा. सोशल मीडिया अकाउंट्स के निलंबन और शांतिपूर्ण बातचीत के दौरान आंसू गैस के गोले छोड़ने सहित वर्तमान माहौल के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए, पंढेर ने कहा कि हमने कहा कि हम पाकिस्तान नहीं हैं. हम शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं, टकराव नहीं. उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि हमारे सोशल मीडिया पेज फिर से शुरू किये जायेंगे. उन्होंने कहा कि विरोध जारी रहेगा और जनता का समर्थन जुटाने का प्रयास किया जाएगा.

भारतीय किसान यूनियन (एकता सिधूपुर) के अध्यक्ष जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि हमने विस्तृत चर्चा की और सरकार ने एमएसपी और साझा ऋण पर बातचीत की आवश्यकता को स्वीकार किया और आगे की चर्चा के लिए प्रतिबद्ध हुई. किसान मजदूर मोर्चा के समन्वयक सरवन सिंह पंधेर ने समाधान की ओर ले जाने वाली चर्चाओं के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि हमने उन्हें बातचीत के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया.

किसान नेताओं ने कहा कि वे यहां शेयर की गई जानकारी को मोर्चा के लोगों तक पहुंचाएंगे. उन्होंने कहा कि रविवार की बैठक में मंत्रियों ने हमें कागजी कार्रवाई और अपडेट का आश्वासन दिया. हमने यह मैराथन बैठक इसलिए की क्योंकि हम आचार संहिता लागू होने से पहले चीजों को सुलझाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों से चर्चा में नकली बीज और उर्वरकों पर भी बातचीत हुई. केंद्रीय मंत्रियों से कहा गया कि ऐसी गतिविधियों में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए. 

बैठक में क्या सकारात्मक बातें हुईं?

केंद्रीय नेताओं ने किसान नेताओं को आश्वासन दिया कि वे राज्य में इंटरनेट बहाल करेंगे और उनके निलंबित किए गए सोशल मीडिया पेजों को फिर से बहाल करेंगे. उधर, सूत्रों ने कहा कि मान और चीमा ने किसानों को केंद्र की ओर से एक प्रस्ताव भेजा, लेकिन विवरण ज्ञात नहीं है. सूत्रों के मुताबिक, अगर प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया तो चल रहे विवाद का समाधान मिल सकता है. 

रात 8.15 बजे शुरू हुई बैठक करीब 1.30 बजे खत्म हुई. किसानों से मुलाकात से पहले केंद्रीय मंत्रियों- केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने चंडीगढ़ के एक होटल में मान के साथ बंद कमरे में बैठक की. इस बैठक के बाद, मान, पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा के साथ, महात्मा गांधी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (एमजीएसआईपीए) पहुंचे, जहां केंद्रीय मंत्रियों के पहुंचने से पहले वे लगभग आधे घंटे तक किसान नेताओं के साथ बंद रहे. 

किसानों का प्रतिनिधित्व कर रहे पंढेर और दल्लेवाल

किसान अपने अन्य मुद्दों के अलावा एमएसपी और ऋण माफी पर एक कानून की मांग कर रहे हैं. किसानों का प्रतिनिधित्व पंढेर और दल्लेवाल कर रहे हैं. ये दोनों पंजाब के किसानों की ओर से मंगलवार से शुरू हुए 'दिल्ली चलो' मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं. फिलहाल, किसानों को हरियाणा के साथ शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर रोक दिया गया है.