किसान संगठनों और सरकार के बीच बातचीत के जरिए हल निकालने की कोशिशों के बीच चंडीगढ़ में तीसरे दौर की बातचीत बैगर किसी नतीजे के समाप्त हो गई है. किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं. जबकि सरकार का कहना है कि अभी एमएसपी को लेकर कानून बनाना संभव नहीं हो पाएगा.
इस बारे में यूनियन मिनिस्टर अर्जुन मुंडा ने अपडेट दिया है. मुंडा किसानों के साथ चंड़ीगढ़ में तीसरे दौर की बातचीत में शामिल थे. बातचीत के बाद उन्होंने कहा कि सरकार और किसान यूनियनों के बीच काफी पॉजिटिव मीटिंग रही है. किसानों के मुद्दों पर ध्यान देते हुए हम रविवार को 6 बजे फिर से अगली मीटिंग करेंगे.
मुंडा पीयूष गोयल के साथ प्रेस कांफ्रेस कर रहे थे. यहां उन्होंने आगे की जानकारी देते हुए कहा, "हम सब मिलकर शांतिपूर्ण तरीके से समाधान ढूंढेगे. ये बातचीत हमारे सीनियर मिनिस्टर पीयूष जी और नित्यानंद जी की उपस्थिति में हुई है और मैं इसको बहुत सकारात्मक मानता हूं."
#WATCH | Chandigarh: After the meeting with the farmer unions concluded, Union Minister Arjun Munda says, "Today, a very positive discussion happened between the government and the farmers' unions. Focusing on the topics highlighted by the farmers' union, we have decided that the… pic.twitter.com/mJpQ8LkGtj
— ANI (@ANI) February 15, 2024
इसके अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी यही बात दोहराई है कि ये बातचीत काफी पॉजिटिव रही है. एक-एक विषय पर बहुत बारीक से चर्चा हुई है कि क्या समाधान निकाला जा सकता है. हालांकि मान ने इंटरनेट बंद होने को लेकर भी अपनी चिंताए व्यक्त की.
#WATCH | Chandigarh: After the meeting with the farmer unions concluded, Punjab CM Bhagwant Mann says, "Today, long discussions took place between the farmers union and the central government... Every topic was discussed in detail... There have been positive discussions...… pic.twitter.com/wIn8Qn7ELx
— ANI (@ANI) February 15, 2024
इससे पहले दोनों पक्षों में दो बार हुई पिछली बातचीत विफल हो चुकी है. सरकार का कहना है कि पंजाब और हरियाणा के किसानों को पहले ही गेंहू, धान, गन्ना और कपास के लिए एमएसपी खरीद से फायदा हुआ है. हालांकि किसानों इस बात पर अड़े हुए हैं कि सभी फसलों के लिए एमएसपी लागू किया जाए.
सूत्रों के मुताबिक, ये भी जानकारी सामने है कि मीटिंग में सरकार ने लखीमपुर खीरी में घायल हुए 13 व्यक्तियों में से प्रत्येक को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का वादा किया है. ये रकम प्रदर्शन समाप्त होने के 7 दिन के अंदर दे दी जाएगी.
फिलहाल किसानों के आंदोलन का असर कम करने के लिए सरकार ने 16 फरवरी की रात तक हरियाणा सरकार ने इंटरनेट की सर्विस को सस्पेंड किया हुआ है. इसकी जद में पंजाब का बॉर्डर भी शामिल है जहां हजारों किसान बैरिकेड्स तोड़कर दिल्ली जाने की कोशिश कर रहे हैं.