महाराष्ट्र में मराठी भाषा को लेकर चल रहे विवाद ने अब राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान खींचा है. केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने गैर-मराठी भाषियों पर हो रही हिंसा की कड़े शब्दों में निंदा की है. उन्होंने मराठी भाषा के नाम पर 'दादागिरी' करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. महाराष्ट्र में हाल के दिनों में गैर-मराठी भाषियों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं, जिसने राजनीतिक और सामाजिक माहौल को गरमा दिया है.
भाषा के नाम पर हिंसा की निंदा
न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए रामदास अठावले ने कहा, "जो लोग मुंबई में पैदा हुए हैं, भले ही वे किसी अन्य राज्य से हों, वे मराठी अच्छी तरह जानते हैं. वे मराठी बोलते हैं, लेकिन 'दादागिरी' के लहजे में यह कहना कि सभी को मराठी बोलना चाहिए, ठीक नहीं है. हम इसकी निंदा करते हैं." उनका यह बयान महाराष्ट्र में मराठी अस्मिता के नाम पर हो रही हिंसक घटनाओं पर एक स्पष्ट टिप्पणी है.
#WATCH | Delhi | Union Minister Ramdas Athawale says, "Those who are born in Mumbai and even if they belong to any other state, they know Marathi well. They speak Marathi but saying something in a tone of 'dadagiri' that they all must speak Marathi is not good. We condemn this. I… pic.twitter.com/rbGjhwQOSo
— ANI (@ANI) July 6, 2025
हिंसा करने वालों पर कार्रवाई की मांग
रामदास अठावले ने हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की अपील की है. उन्होंने कहा, "मैं लोगों से अपील करता हूं कि जो दूसरों को मारते हैं, उन्हें गिरफ्तार किया जाए." यह बयान उन घटनाओं के संदर्भ में है, जहां गैर-मराठी भाषियों को कथित तौर पर निशाना बनाया गया. अठावले का यह बयान महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले भाषा विवाद के बीच आया है, जिसने सामाजिक तनाव को और बढ़ा दिया है.
सामाजिक एकता पर जोर
केंद्रीय मंत्री ने भाषा के आधार पर भेदभाव और हिंसा को सामाजिक एकता के लिए खतरा बताया. उन्होंने सभी समुदायों से शांति और सहयोग बनाए रखने की अपील की. उनका यह बयान महाराष्ट्र में बढ़ते तनाव को कम करने और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.